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देश में पहली बार मीडिया के सामने आए सुप्रीम कोर्ट के 4 सिटिंग जज, सरकार में मचा हड़कंप!
Arun Mishra
12 Jan 2018 8:37 AM GMT
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प्रधानमंत्री मोदी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और राज्य मंत्री पीपी चौधरी को तलब किया है..
नई दिल्ली : देश में पहली बार न्यायपालिका में शुक्रवार को असाधारण स्थिति पैदा हो गई। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा 4 जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर हलचल मचा दी। चीफ जस्टिस के बाद सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रंजन गोगोई ने मीडिया से शीर्ष अदालत के प्रशासन में अनियमितताओं पर सवाल खड़े किए। देश में यह पहली बार है जब जजों ने मीडिया को संबोधित किया है।
सुप्रीम कोर्ट के 4 सिटिंग जज न्यायपालिका की खामियों की शिकायत लेकर मीडिया के सामने आए तो सरकार में हड़कंप मच गया। सिटिंग जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुंरत बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। विपक्षी दलों ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। वहीं, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और राज्य मंत्री पीपी चौधरी को तलब किया है।
चीफ जस्टिस के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, 'करीब दो महीने पहले हम 4 जजों ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा और मुलाकात की। हमने उनसे बताया कि जो कुछ भी हो रहा है, वह सही नहीं है। प्रशासन ठीक से नहीं चल रहा है। यह मामला एक केस के असाइनमेंट को लेकर था।'
उन्होंने कहा कि कभी-कभी होता है कि देश के सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था भी बदलती है। सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है, अगर ऐसा चलता रहा तो लोकतांत्रिक परिस्थिति ठीक नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर चीफ जस्टिस से बात की, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी।
जस्टिस चेलमेश्वर कहा कि अगर हमने देश के सामने ये बातें नहीं रखी और हम नहीं बोले तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। हमने चीफ जस्टिस से अनियमितताओं पर बात की। उन्होंने बताया कि हम सभी चार जजों ने चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा था जो कि प्रशासन के बारे में थे, हमने कुछ मुद्दे उठाए थे।
चीफ जस्टिस पर देश को फैसला करना चाहिए, हम बस देश का कर्ज अदा कर रहे हैं। जजों ने कहा कि हम नहीं चाहते कि हम पर कोई आरोप लगाए। यही पहली बार है कि सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल थे।
हालांकि जजों ने यह नहीं बताया कि वह किस मुद्दे की बात कर रहे हैं। जस्टिस चेलमेश्वर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि हम वह पत्र सार्वजनिक करेंगे, जिससे पूरी बात स्पष्ट हो जाएगी। चेलमेश्वर ने कहा, '20 साल बाद कोई यह न कहे कि हमने अपनी आत्मा बेच दी है। इसलिए हमने मीडिया से बात करने का फैसला किया।' चेलमेश्वर ने कहा कि भारत समेत किसी भी देश में लोकतंत्र को बरकरार रखने के लिए यह जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट जैसी संस्था सही ढंग से काम करे।
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि यह खुशी की बात नहीं है कि हमें प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलानी पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन सही से नहीं चल रहा है। बीते कुछ महीनों में वे चीजें हुई हैं, जो नहीं होनी चाहिए थीं।
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