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कर्नाटक से फजीहत में फंसी बीजेपी की उपचुनाव से बढ़ी मुश्किलें, इन सहयोगी दलों ने लगाया बड़ा आरोप!

कर्नाटक से फजीहत में फंसी बीजेपी की उपचुनाव से बढ़ी मुश्किलें, इन सहयोगी दलों ने लगाया बड़ा आरोप!
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कर्नाटक में सरकार बना कर फजीहत कराने वाली बीजेपी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है.

कर्नाटक में सरकार बना कर फजीहत कराने वाली बीजेपी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. इसी दौर में बीजेपी के सामने उपचुनाव की बड़ी हार सामने आ गई. इस हार का सदमा इसलिए ज्यादा है कि बीजेपी उन राज्यों में चुनाव हारी जहाँ उसकी सरकार थी. लेकिन बीजेपी कैराना लोकसभा की हार और महाराष्ट्र में मिली हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. कैराना चुनाव से एक दिन पहले मोदी ने बागपत यानि शामली के बोर्डर के जिले में रोड शो भी किया. इसी लोकसभा को उसने 2014 में बड़े अंतर से चुनाव जीता था.


जदयू ने जोकीहाट पर हार का ठीकरा बीजेपी के सर फोड़ा

उपचुनाव में एनडीए की सहयोगी जेडीयू जोकीहाट विधानसभा चुनाव बड़े अंतर से हार गई है. जेडीयू नेता केसी त्यागी ने खुले लफ्जों में इसका ठीकरा बीजेपी पर फोड़ दिया है. उनका कहना है कि पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतें इस हार की वजह है. उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम जल्द से जल्द घटाने चाहिए. जोकीहाट सीट के बारे में उन्होंने कहा कि ये राजद की जीत नहीं है, ये सीट पहले से ही तस्लीमुद्दीन के पास थी. अब उनके बेटे ने पार्टी बदल ली है, इसी वजह से जीत हुई है.

त्यागी इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने ये भी कह दिया कि उपचुनाव के नतीजे एनडीए के लिए चिंता का विषय है. एनडीए में अभी सहयोगी अलग-थलग महसूस कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में दो बड़े दल एक साथ आ गए हैं, इसलिए वहां के नतीजे खतरे की घंटी बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए को दुरुस्त करने की जरूरत है.

शिवसेना खुलकर आमने-सामने की लड़ रही लड़ाई

एनडीए के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक शिवसेना बीजेपी से सीधे दो-दो हाथ की लड़ाई लड़ रही है. बाल ठाकरे के वक्त तक ये दोस्ती परवान पर थी, लेकिन कमान उद्धव ठाकरे के हाथ में आने के बाद से दोनों ही दलों में तल्खियां बढ़ती गईं. रिश्तों में कड़वाहट इस कदर आ चुकी है कि उद्धव यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को चप्पलों से मारने तक की सलाह दे चुके हैं.

पीडीपी भी मोदी सरकार से नाखुश

अब बात करते हैं पीडीपी की. पीडीपी यानि जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की. दो विपरीत विचारधारा वाली ये पार्टियां राज्य में मिलकर सरकार चला रही हैं. महबूबा जब-तब राज्य में पत्थरबाजों के लिए रहम की बात करने दिल्ली आती हैं. रमजान के दौरान कश्मीर में सीजफायर की उन्होंने पैरवी की, तो गृहमंत्री ने इस बात को खारिज कर दिया.

कश्मीर के लिए मोदी सरकार के प्रयासों से नाखुश महबूबा कई बार अपना विरोध जता चुकी हैं. वे अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान की गई कवायदों को हवाला देते हुए उन पर अमल की बात करती रही हैं.

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