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भारत ने 'नाग मिसाइल' का किया सफल परीक्षण, जानें क्या है खासियत
नई दिल्ली : भारत ने एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) नाग का बुधवार को सफलापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण से एक बार फिर उसकी क्षमता साबित हुई है। रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
एटीजीएम नाग को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है और इस परीक्षण से एक बार फिर उनकी क्षमता साबित हुई है। डायरेक्टर जनरल (मिसाइल और सामरिक सिस्टम) जी. सतीश रेड्डी ने बताया कि अलग-अलग स्थितियों में निशाना भेदने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस मिसाइल प्रोजेक्ट की लागत 350 करोड़ रुपए से अधिक है। इसमें उच्च क्षमता के उपकरण लगाए गए है। ज्यादा तापमान में भी मिसाइल दिशा नहीं भटकेगी। नाग मिसाइल वजन में काफी हल्की है और इसका कुल वजन महज 42 किलो है।
नाग मिसाइल की गति 230 मीटर प्रति सेकंड है। इस मिसाइल को 10 साल तक बगैर रखरखाव के इस्तेमाल किया जा सकता है। नाग की रेंज 8 किलोमीटर है और इसे 2018 के अंत तक सेना में शामिल किया जा सकता है। यह कई लक्ष्यों पर निशाना साधने में सक्षम है।
मिसाइल की एक खासियत और है कि अगर एक बार मिसाइल दाग दी गई तो इसे रोका नहीं जा सकेगा। मिसाइल एंड स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स के डायरेक्टर जनरल पी सतीश के मुताबिक, इस टैस्ट फ्लाइट के बाद टार्गेट को हर तरह की भेदने की एटीजीएम क्षमता साबित हो गई है।