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क्या अब इस कारण बीजेपी ने घर की रहेगी न घाट की, सब जगह नाराजगी!
एससी एसटी एक्ट को लेकर भारतीय जनता पार्टी सरकार फिर से एक बार बैकफुट पर आती नजर आ रही है. पूरे देश में दलित और पिछड़े मिलकर सडकों पर उतर आये है. पंजाब, यूपी राजस्थान , उड़ीसा ,बिहार , बंगाल में दलित सडकों पर बाजार बंद कराते नजर आ रहे है.
भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार अब सुप्रीमकोर्ट में पुनर्विचार याचिका डालेगी. इस याचिका से उससे सवर्ण समूह भी नाराजगी जाहिर करेगा जबकि दलित समुदाय तो हाथ से निकल चुका है. इस एक्ट को लेकर किसी भी सरकार में तब ही तब्दीली हो सकती है जब वो एक तरफा निर्णय ले कि उसे आखिर करना क्या है. जब सरकार को खुद ही नहीं मालूम है कि मेरी जिम्मेदारी क्या है और मुझे करना क्या है तो परिणाम तो उलटे आयेंगे.
जिस तरह पूरे देश में दलित उग्र हुआ है उससे जाहिर है कि सरकार के प्रति गुस्सा बहुत ज्यादा है. जबकि उनके खुद के सांसद विधायक भी खुलकर विरोध करते नजर आ रहे है. इसकी सबसे पहले पहल यूपी के बहराइच लोकसभा सांसद सवित्री वाई फुले ने की है. अगर सांसद की गलती मानते हो तो गलत है. उनके सजातीय सांसदों में दम तो है लेकिन अन्य समाज और जाती के सांसद विधायक चुपचाप बात सुनते रहते है.
यूपी और पंजाब में लगातार झडप की खबरें आ रही है जबकि बिहार में भी आंदोलन उग्र है. यूपी के गाजियाबाद के इंदिरापुरम में भी अभी आंदोलनकारीयों ने जाम लगाया. जिसे समाज के कुछ लोंगों ने समझा बुझा कर जाम खुलवाया जबकि प्रसाशन आज के भारत बंद को लेकर काफी सतर्क था. फिर भी कुछ अनहोनी की खबरें आ रही है.