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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 'नाबालिग पत्नी के साथ शारीरिक संबंध भी रेप माना जाएगा'
Arun Mishra
11 Oct 2017 5:36 AM GMT
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सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि 15-18 साल की नाबालिग पत्नी से पति के शारीरिक संबंध को बलात्कार माना जाएगा।
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि 15-18 साल की नाबालिग पत्नी से पति के शारीरिक संबंध को बलात्कार माना जाएगा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका के माध्यम से जिसमें बलात्कार कानून में अपवाद के एक प्रावधान की वैधता को चुनौती दी गई थी। इस अपवाद के जरिये कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति 15 साल से अधिक उम्र की अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध बनाता है तो यह बलात्कार नहीं है।
आईपीसी की धारा 375 बलात्कार के अपराध को परिभाषित करती है. इस धारा के अपवाद में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी 15 साल से अधिक उम्र की पत्नी से यौन संबंध बनाता है तो यह बलात्कार नहीं है। हालांकि, सहमति की आयु 18 साल है।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने छह सितंबर को याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने केंद्र से सवाल किया था कि कैसे संसद कानून में कोई अपवाद बना सकती है जिसमें घोषणा की गई हो कि किसी व्यक्ति द्वारा 15 साल से अधिक और 18 साल से कम उम्र की अपनी पत्नी के साथ बनाया गया यौन संबंध बलात्कार नहीं है, जबकि रजामंदी की आयु 18 साल है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह वैवाहिक बलात्कार के पहलू में नहीं जाना चाहती है, लेकिन जब सभी उद्देश्यों के लिये सहमति की आयु 18 साल है तो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में इस तरह का अपवाद क्यों बनाया गया।
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