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कठुआ रेप केस में इस्तीफा देने वाले मंत्री ने खोल दी बीजेपी की पोल, मची खलबली

कठुआ रेप केस में इस्तीफा देने वाले मंत्री ने खोल दी बीजेपी की पोल, मची खलबली
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जम्मू के कठुआ गैंगरेप मामले में शनिवार को बीजेपी के 2 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद जम्मू कश्मीर में गठबंधन कर सरकार चला रहे बीजेपी और पीडीपी के बीच दरार और चौड़ी नज़र आ रही है.

जम्मू के कठुआ गैंगरेप मामले में शनिवार को बीजेपी के 2 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद जम्मू कश्मीर में गठबंधन कर सरकार चला रहे बीजेपी और पीडीपी के बीच दरार और चौड़ी नज़र आ रही है. हालांकि, आरोपियों के समर्थन में रैली को संबोधित करने के आरोप पर पहली बार मंत्री ने खुलकर बयान दिया है.


जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की एक मासूम से रेप और हत्या के आरोपी के समर्थन में रैली निकालने की वजह से मंत्री की कुर्सी गंवाने वाले भाजपा के दोनों नेताओं में से एक लाल सिंह ने एनडीटीवी को बताया कि उन्हें पार्टी नेतृत्व ने उस जगह पर जाकर स्थानीय लोगों के गुस्से को शांत करने के लिए कहा था, जो इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे.

गौरतलब है कि वन मंत्री लाल सिंह और उद्योग मंत्री चंद्र प्रकाश गंगा ने कठुआ गैंगरेप के आरोपियों के समर्थन में 1 मार्च को हिंदू एकता मंच द्वारा निकाली गई रैली को संबोधित किया था. जहां, चंद्र प्रकाश गंगा ने आरोपियों की गिरफ्तारी को जंगल राज का नाम दिया था. वहीं, लाल सिंह ने कहा, "इस एक लड़की की मौत पर इतना हल्लाबोल क्यों है... ऐसी कई लड़कियां यहां मर चुकी हैं."

शुक्रवार को अपना इस्तीफा देने के तुरंत बाद लाल सिंह ने एनडीटीवी को बताया कि वे माइग्रेशन की वजह से पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए कठुआ गये थे. उन्होंने कहा, "हमने प्रदर्शनकारियों से बात की. उन्होंने कहा कि पुलिस ने लड़की के कपड़े धोए हैं और सबूत नष्ट कर दिए हैं जो उनके दिमाग में संदेह पैदा करते हैं. यही वजह है कि वे सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे ताकि लड़की को न्याय मिल जाए."
हालांकि, बीजेपी महासचिव राम माधव ने बीजेपी के विधायकों के साथ हुई बैठक के बाद दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी गठजोड़ की सरकार को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के कोटे के दोनों मंत्रियों चौधरी लाल सिंह और मंत्री चंद्र प्रकाश के इस्तीफे सीएम महबूबा मुफ्ती को भेज दिए जाएंगे.

हालांकि राम माधव ने दोनों का बचाव करते हुए कहा कि वे हालात पर चर्चा करने के लिए रैली में गए थे. वहीं इस्तीफ़ा देने वाले दोनों मंत्रियों का कहना है कि वो बड़े नेताओं के कहने पर 80 किलोमीटर का सफ़र करके कठुआ पहुंचे थे जहां पर हिंदू एकता मंच की ओर से रैली थी.

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