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लोकसभा में मोदी के खिलाफ आज आ सकता है अविश्वास प्रस्ताव!
नरेंद्र मोदी सरकार को चार साल होने जा रहे है, आने वाले अगले आम चुनावों की तैयारी जोर शोर से चल रही है. लेकिन इस बीच मोदी सरकार के लिए विपक्षी और साथी दल मुसीबत का सबब बनते जा रहे हैं. शुक्रवार को संसद में मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. इस प्रस्ताव का समर्थन एनडीए में साझेदार टीडीपी भी कर सकती है. वाईएसआर पार्टी के 6 सांसदों ने शुक्रवार के लिए लोकसभा महासचिव को प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग तेलगू देशम पार्टी लगातार कर रही है. टीडीपी प्रमुख सीएम चंद्रबाबू नायडू ने भी प्रस्ताव को समर्थन करने का ऐलान किया है. विधानसभा में नायडू ने कहा कि अगर जरुरत पड़ी टीडीपी केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी. जगन मोहन रेड्डी ने भी नायडू को पत्र लिखकर समर्थन देने की अपील की है. इसके अलावा टीआरएस भी राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रही है.
YSR कांग्रेस के नेता जगन मोहन रेड्डी की पार्टी इसके लिए अन्य विपक्षी दलों से समर्थन भी जुटा रही है. पार्टी के सांसद जगन की ओर से लिखे गए एक पत्र को संसद के भीतर विपक्षी सांसदों के बीच बांट रहे हैं और उनसे इस प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील कर रहे हैं. सदन में इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए कम से कम 50 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है.
क़ानूनी नियमों के अनुसार सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन वाईएसआर कांग्रेस के किसी सांसद को अविश्वास प्रस्ताव पेश करने को कहेंगी. जिसके बाद करीब 50 सांसदों को इसका समर्थन करने के लिए खड़ा होना होगा, तभी इसके आगे की प्रक्रिया शुरू होगी. लेकिन इसमें भी एक पेंच है, ये प्रस्ताव तभी पेश हो सकता है कि जब सदन ऑर्डर में हो, अगर कोई सांसद इस दौरान हंगामा कर रहा हो तो प्रस्ताव पेश करने में मुश्किल हो सकती है.
अभी क्या है लोकसभा में मौजूदा स्थिति?
भारतीय जनता पार्टी - 272 + 1 (स्पीकर)
कांग्रेस - 48
AIADMK - 37
तृणमूल कांग्रेस - 34
बीजेदी - 20
शिवसेना - 18
टीडीपी - 16
टीआरएस - 11
सीपीआई (एम) - 9
वाईएसआर कांग्रेस - 9
समाजवादी पार्टी - 7
इनके अलावा 26 अन्य पार्टियों के 58 सांसद
5 सीटें अभी भी खाली हैं.
देखते है अब इस अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष कितना कारगर होता है. पेश होगा या नहीं इस पर भी अभी संसय बरकरार है.