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न लुटेरे पकडे गये, ना मिले रुपये, एटीएम की लूट की वारदात को पूरा हुआ एक महीना

न लुटेरे पकडे गये, ना मिले रुपये, एटीएम की लूट की वारदात को पूरा हुआ एक महीना
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सात अधीकारीयों की स्वतंत्र टिम की जांच पर सवाल

बालेश्वर(गोविंद राठी) - शहर में भारतीय स्टेट बैंक के दो एटीएम से लूट की घटना को एक महीना पुरा हो चुका है। मगर अब तक लुटेरों का पता पुलिस नहीं लगा सकी है। इन दोनों एटीएम से लुटे गये 35 लाख रुपए भी अभी तक बरामद करने में पुलिस असफल रही है। इस घटना के पीछे राज्य के बाहर के डकैती गैंग के हाथ होने की बात पुलिस द्वारा कहा गया था एवं अभी तक किसी निर्धारित गैंग के बारे में भी पुलिस को सुराग तक नहीं लग पाया है।


मालूम हो कि पिछले महीने की 4 तारीख को बालेश्वर शहर के आइटीआई चौक एवं सुन्हट चौक में दो एसबीआई एटीएम से लूट की वारदात हुई थी। देर रात को लुटेरे इन एटीएम से गैस कटर के जरिए मशीन काटकर 35 लाख से ज्यादा की राशि लूट ले गये थे। इस लूट की वारदात के दौरान आईटीआई चौक अंचल में एक युवक एटीएम से रुपए उठाना के लिए आया था एवं वह इन डकैतों के आक्रमण का शिकार भी हुआ था। उसके बाद वाले दिन पुलिस ने इस युवक से इस डकैती गैंग के बारे में पूछताछ भी की थी एवं राष्ट्रीय राजमार्ग पे लुटेरा गैंग द्वारा व्यवहार हुए बोलेरो गाड़ी को भी जब्त किया था। इस घटना के बाद पुलिस ने आशंका जताई थी कि यह गैंग राज्य के बाहर का गैंग है एवं उसी दिशा में पुलिस ने अपनी जांच भी शुरू की थी।


इन डकैतों को पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा सात पुलिस अधीकारियों की एक स्वतंत्र टीम का गठन भी किया गया था। शहर के विभिन्न स्थानों में सीसीटीवी कैमरे से फुटेज एवं विभिन्न मोबाइल फोन के टावर से सभी कॉल रिकॉर्डिंग की भी जांच की गई थी। उल्लेखनीय है कि इतना सब करने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी तक खाली है। ऐसा मालूम हो रहा है कि पुलिस जांच के बहाने अंधेरे में लाठी घुमा रही है।


दूसरी तरफ आईटीआई चौक स्थित एटीएम कि लूट के वक्त मुंबई स्थित एसबीआई के कंट्रोल रूम से सूचना दी गई थी एवं वहां से बालेश्वर मैं मौजूद इस जिम्मेदारी को निभाने वाले अधिकारी से कंट्रोल रूम द्वारा संपर्क साधने की कोशिश भी की गई थी। मगर अधिकारी द्वारा फोन ना उठाए जाने के कारण लुटेरे आसानी से इस लूट की वारदात को अंजाम देने में सफल हुए थे। शहर के प्रत्येक चौराहे पर पुलिस द्वारा कैमरा लगाया गया है एवं रात को पुलिस पेट्रोलिंग भी की जाती है। इसके बावजूद भी पुलिस के नाक के नीचे से यह दोनों लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था एवं इस लूट की घटना के पीछे पुलिस के पास कोई जवाब नहीं है।

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