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अब नए ट्रैक पर चलेंगी मालगाड़ियां, ईंधन की होगी बचत और समय से पहुंच सकेंगी गंतव्य पर

Satyapal Singh Kaushik
28 Oct 2023 3:15 PM GMT
अब नए ट्रैक पर चलेंगी मालगाड़ियां, ईंधन की होगी बचत और समय से पहुंच सकेंगी गंतव्य पर
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अभी देश में मालगाड़ियों और पैसेंजर गाड़ियों को एक ही ट्रैक पर चलाया जाता है। यात्री ट्रेनों को पास कराने के लिए मालगाड़ियों को घंटों रोक दिया जाता है।

अब मालगाड़ियों के आने वाले हैं अच्छे दिन। अब मालगाड़ियों के लिए बन रहे हैं अलग रूट। लुधियाना से बिहार के सोननगर तक 1337 किमी लंबे ईस्टर्न कारिडोर के निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका है।

अलग ट्रैक बनने से ईंधन की होगी बचत

नए ट्रैक बन जाने से मालगाड़ियां लगभग 60-80 km/h की रफ्तार से दौड़ सकती हैं। विशेष परिस्थितियों में यह 100 किमी की गति भी पकड़ सकती हैं। कॉमन पटरियों पर यह गति अभी औसतन 26 से 30 km/h ही है। माल आसानी और जल्दी से पहुंच सकेगा। ईंधन की भी होगी बचत और उद्योग जगत की परेशानियां कम होंगी।

मालगाड़ियों के लिए दो रूट बनाए जा रहे हैं

मालगाड़ियों के लिए दो रूट बनाए जा रहे हैं।अब इसको लेकर देश में दो डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर बनाए जा रहे हैं। एक पंजाब से बंगाल तक और दूसरा खुर्जा से मुंबई के दादर तक। पंजाब से बंगाल तक ईस्टर्न कारिडोर की प्रस्तावित लंबाई 1839 किमी है, लेकिन केंद्र सरकार ने बिहार और बंगाल के बीच लगभग 500 किमी मिश्रित इस्तेमाल वाले ट्रैक के रूप में विकसित करने का फैसला किया है।शेष हिस्से पर पहली नवंबर से मालगाड़ी सेवाओं की नियमित संचालन की तैयारियों का आकलन किया जा रहा है। सहारनपुर से खतौली के बीच के स्टेशनों का भी निरीक्षण किया गया है। वेस्टर्न कोरिडोर का काम भी इसी वित्तीय वर्ष में पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। रेलवे का दावा है कि मार्च 2024 तक 95 प्रतिशत काम पूरा हो जाएगा। वेस्टर्न कोरिडोर 1506 किमी लंबा है।

नए ट्रैक बनने से सवारी रेलगाड़ियां समय से चल सकेंगी

अभी मालगाड़ियों और पैसेंजर गाड़ियों को एक ही ट्रैक पर चलाया जाता है। यात्री ट्रेनों को पास कराने के लिए मालगाड़ियों को जहां-तहां घंटों रोक दिया जाता है। फ्रेट कारिडोर के चालू हो जाने के बाद मालगाड़ियों को पैसेंजर वाले ट्रैक से हटा लिया जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि यात्री ट्रेनें समय से चलने लग जाएंगी। उन्हें रूट पर ट्रैफिक नहीं मिलेगा। फ्रेट कारिडोर के ट्रैक को पुराने ट्रैक की तुलना में ज्यादा भार उठाने वाला बनाया गया है। इसके लिए अभी कुछ दिन पहले ही सूरत जिले के गोथानगाम से बड़ोदरा के मकरपुरा के बीच करीब 112 किमी के ट्रैक पर पहला परीक्षण किया गया है।

Satyapal Singh Kaushik

Satyapal Singh Kaushik

न्यूज लेखन, कंटेंट लेखन, स्क्रिप्ट और आर्टिकल लेखन में लंबा अनुभव है। दैनिक जागरण, अवधनामा, तरुणमित्र जैसे देश के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में Special Coverage News में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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