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सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 'पीएम के पास समय नहीं, तो खुद ही कर दो ईस्टर्न पेरिफेरल का उद्धाटन'
Arun Mishra
10 May 2018 9:11 AM GMT
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एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री को करना था लेकिन उनके पूर्व कार्यक्रमों की वजह से ऐसा नहीं हो सका?
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिया कि नवनिर्मित ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन 31 मई से पहले किया जाए। न्यायमूर्ति मदन बी.लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने यह निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि यदि 31 मई से पहले इसका उद्घाटन नहीं होता है तो इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी पहले से ही यातायात का दबाव झेल रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वकील ने न्यायालय को बताया कि एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री को करना था लेकिन उनके पूर्व कार्यक्रमों की वजह से ऐसा नहीं हो सका। इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर अपने दौरों में व्यस्त हैं तो उनके द्वारा उद्घाटन के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं है और जून तक ईस्टर्न पेरिफेरल को खोल दिया जाए।
कोर्ट ने कहा कि अगर 31 मई तक पीएम उद्धाटन करते हैं तो ठीक वर्ना इसे जनता के लिए खोला जाए। मोदी इन दिनों कर्नाटक चुनाव प्रचार में व्यस्त थे और 11 मई को वे नेपाल यात्रा पर रवाना हो जाएंगे। शीर्ष अदालत ने कहा कि 135 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे का 20 अप्रैल तक उद्घाटन किएजाने की सूचना दी गई थी लेकिन इसे अभी तक जनता के लिए नहीं खोला जाना आश्चर्यजनक है। यह एक्सप्रेस-वे गाजियाबाद, फरीदाबाद, गौतम बुद्ध नगर (ग्रेटर नोएडा) और पलवल को जोड़ेगा।
शीर्ष अदालत के आदेश के मद्देनजर 2006 में ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस - वे के निर्माण की योजना बनाई गई थी ताकि वे वाहन राजधानी में प्रवेश नहीं करें जिनका गंतव्य दिल्ली नहीं है। ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से यूपी से हरियाणा होते हुए आने जाने वाले ट्रकों को दिल्ली में एंट्री नहीं होगी। इससे दिल्ली के ट्रैफिक का बोझ कम हद तक कम होगा।
ईस्टर्न पेरिफेरल की वजह से पलवल से कुंडली के बीच सफर का सफर आधे से भी कम समय में पूरा होगा। एनएचएआई ने इसे कापी अच्छे डेकोरेट किया है। इस पेरिफेरल पर 28 रंगीन फाउंटेन के साथ इंटरचेंज पॉइंट्स लगाए गए हैं। साथ ही इसके किनारे पर फेंसिंग लगाई है ताकि कोई जानवर इसपर न चढ़ पाए। अभी स्ट्रीट लाइटें लगाने का काम यहां जारी है। उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने 2005 में केन्द्र से कहा था कि दिल्ली के चारों ओर जुलाई 2016 तक एक नए एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाए ताकि राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों की भीड़ कम की जा सके।
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