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सुप्रीम कोर्ट संकट टला, चाय पर चर्चा के दौरान सुलझा विवाद

सुप्रीम कोर्ट संकट टला, चाय पर चर्चा के दौरान सुलझा विवाद
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मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ 12 जनवरी को न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने अप्रत्याशित रूप से प्रेस कांफ्रेंस करके सार्वजनिक रूप से आरोप लगाये थे.
देश की सबसे बड़ी अदालत भारतीय उच्चतम न्यायालय का संकट अब खत्म हो गया है. अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों ने आज सुबह चाय पर चर्चा कर विवाद को सुलझा लिया है. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि राई का पहाड़ बना दिया गया था. आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट में परंपरा है कि सभी जज सुबह काम की शुरुआत से पहले चाय पर मिलते हैं.
वहीं बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी जजों के विवाद के खत्म होने की बात कही. बीसीआई के चेयरमैन ममन कुमार मिश्रा ने कहा, ''बीसीआई के सदस्यों ने कल सुप्रीम कोर्ट के 15 न्यायाधीशों से मुलाकात की थी जिन्होंने मसला सुलझ जाने का आश्वासन दिया था. इनमें चार में से तीन असंतुष्ट न्यायाधीश भी शामिल थे. न्यायमूर्ति गोगोई राजधानी से बाहर गये हुये थे.''
बार काउन्सिल के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा, ''कहानी खत्म हो गई.'' उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को एक प्रेस कांफ्रेस में चार न्यायाधीशों के आरोपों का लाभ उठाने का प्रयास नहीं करना चाहिए. यह पूछने पर कि क्या प्रधान न्यायाधीश की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने की वजह से इन चारों न्यायाधीशों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, उन्होंने कहा कि किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है और वे सभी ईमानदार और निष्ठावान हैं.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ 12 जनवरी को न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने अप्रत्याशित रूप से प्रेस कांफ्रेंस करके सार्वजनिक रूप से आरोप लगाये थे. इन न्यायाधीशों ने लोकतंत्र के खतरे में होने के प्रति आगाह करते हुये मुकदमों को 'चुनकर ' आबंटित करने और न्यायमूर्ति मिश्रा के चुनिन्दा न्यायिक आदेशों पर सवाल उठाते हुये न्यायालिका और राजनीतितक हलके में सनसनी पैदा कर दी थी. इस समय सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश सहित 25 न्यायाधीश हैं.
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