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PM मोदी के कड़े संदेश के बाद CA के खिलाफ कार्रवाई शुरू, जांच के दायरे में आए 26 चार्टर्ड एकाउंटेंट

Special Coverage News
24 July 2017 12:34 PM IST
PM मोदी के कड़े संदेश के बाद CA के खिलाफ कार्रवाई शुरू, जांच के दायरे में आए 26 चार्टर्ड एकाउंटेंट
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े संदेश के बाद इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट आफ इंडिया (ICAI) काले धन को सफेद करने में मदद करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट के खिलाफ कार्रवाई के लिए सक्रिय हो गया है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े संदेश के बाद इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट आफ इंडिया (ICAI) काले धन को सफेद करने में मदद करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट के खिलाफ कार्रवाई के लिए सक्रिय हो गया है। फिलहाल 26 ऐसे चार्टर्ड एकाउंटेंटों की पहचान की गई है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। बता दे कि प्रधानमंत्री ने शिकायतों के बावजूद गड़बड़ी करने वाले CA के खिलाफ कार्रवाई नहीं किये जाने को चिंताजनक बताते लिए आइसीएआइ को आड़े हाथों लिया था।

दरअसल सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टीगेशन ऑफिस (एसएफआइओ) ने कई सीए की संदिग्ध भूमिका के बारे में आइसीएआइ को आगाह किया है। आइसीएआइ के अध्यक्ष निलेश शिवजी विकमसे ने कहा कि मुखौटा कंपनियों से संबंध को लेकर 26 सीए की भूमिका की जांच कराई जा रही है। उनके अनुसार एसएफआइओ ने इन सीए की संदिग्ध भूमिका की जानकारी दी है और उनके बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है।

आइसीएआइ के पास तय नियमों का उल्लंघन होने पर सीए के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है। इसमें निलंबन और पंजीकरण तक रद्द किया जाना शामिल है। ध्यान देने की बात है कि मुखौटा कंपनियों के मार्फत काले धन को सफेद करने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने कई सीए को गिरफ्तार भी किया है। एक जुलाई को आइसीएआइ के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए PM मोदी ने काले धन को सफेद करने में सीए की भूमिका को लेकर तीखे कटाक्ष किये थे और उन्हें 'बही को सही' करने वाला साथी कहा था। प्रधानमंत्री ने सवाल उठाया था कि नोटबंदी के दौरान कोई तो होगा जिसने इन कंपनियों को काले धन को सफेद करने में मदद की होगी। उनको पहचानने और किनारे करने की जरूरत है।
उन्होंने गड़बड़ियों में शामिल सीए के खिलाफ आइसीएआइ की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि पिछले 11 साल में सिर्फ 25 सीए के खिलाफ कार्रवाई हुई है, जबकि 1400 से ज्यादा मामले सालों से लंबित पड़े हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि आइसीएआइ गुनाहगारों के खिलाफ से कठोर कदम उठाकर उन्हें सजा देगी। आइसीएआइ की ताजा कार्रवाई को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

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