Archived

भृष्टाचार मिटाने का वादा बना जुमला, हजार करोड़ के सरकारी गलीचे चुराने का आरोपी बैठा मुख्यमंत्री कार्यालय में!

Arun Mishra
24 May 2017 7:19 AM GMT
भृष्टाचार मिटाने का वादा बना जुमला, हजार करोड़ के सरकारी गलीचे चुराने का आरोपी बैठा मुख्यमंत्री कार्यालय में!
x
जुमला बना, प्रधानमंत्री का भृष्टाचार मिटाने का वादा..?
हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी सभाओं में देश से भृष्टाचार मिटाने का वादा किया था। समय समय पर नरेन्द्र मोदी द्वारा भृष्टाचार मिटाने की सिंह गर्जना की गई लेकिन बीते वर्षो के समय ने साबित कर दिया है कि मोदी के द्वारा भृष्टाचार मिटाने का किया गया वादा एक जुमला था। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा मोदी के द्वारा चुनावी सभा में किये गये वादों को चुनावी जुमले बताकर देश के प्रधानमंत्री के झूठ को देश की जनता के सामने ला दिया है। देश के प्रधानमंत्री की कथनी और करनी का भेद अमित शाह द्वारा ही देश की जनता को उजागर करना साबित करता है कि देश की जनता से किये गये वादो के निभाने के प्रति देश के प्रधानमंत्री दोहरा आचरण कर रहे हैं। देश की जनता भी अब नरेन्द्र मोदी के झूठ को समझने लगी है।

राजस्थान वसुंधरा सरकार देश की सर्वाधिक नरेन्द्र मोदी के शासन की भृष्ट सरकार है? यह सरकार देश के जुमलेबाज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपनी भाजपा की सरकार है इस कारण देश और दुनिया के सामने भृष्टाचार मिटाने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री धतराष्ट्र बने बैठे हैं। शायद भाजपाइयों का भृष्टाचार संघ की देशभक्ति की चाशनी में डूबा राष्ट्रवादी भृष्टाचार है यह भृष्टाचार संघ और भाजपा के दोगले नेताओं के घर भर रहा है इसलिए उनके अपनों का किया हुआ भृष्टाचार उन्हें बुरा नही लगता। देश की जनता से झूठे वादे करना भाजपाइयों का अपना धर्म है सदैव अपने जन्म से ही संघ के सारे नेता झूठी तिकड़मों से इस देश की जनता को झूठ बोलकर भरमाते रहे है। शायद झूठ बोलने को ही कलियुगी भाजपा के राम भक्त धर्म समझ बैठे है यही कारण है कि लगातार झूठ बोलकर जनता से झूठे वादे करने वाले भाजपाइयों के चेहरे पर लेस मात्र भी शर्म दिखाई नही देती। इस संसार में रहने वाले मनुष्यों में ख़ास तौर पर कथनी और करनी का भेद पाया जाता है।

जिस दिन मनुष्य के कथनी और करनी का भेद आमजन को समझ आता है उस दिन महान से महान व्यक्तियों का भी पतन हो जाता है। दुनिया के इंसानों को दुनिया के सारे धर्म सच बोलने का सन्देश देते है। सच बोलने से आदमी दुनिया में जीते जी ही इंसानियत के उच्चतर स्थान पर पहुँच जाता है। रामायण में कहा गया है कि मोहे कपट छल छिद्र ना भावा, निर्मल मन जन सोही मोहे पावा।। अर्थात कपट, धोखा, फरेब, कुछ का कुछ बता देना, बढ़ा चढ़ाकर दुसरो को नीचा गिराकर, अपने को श्रेष्ट बताकर बताकर अपने अपनी श्रेष्टता का बखान करने के लिए झूठ पर झूठ बोलना इस प्रकार के व्यक्ति ईश्वर को नही भाता है। इसके विपरीत निर्मल मन यानी साफ़ सुथरे मन के साफ़, सच्चाई के साथ जीवन जीने वाला व्यक्ति ही परमात्मा को प्राप्त कर सकता है। इसी प्रकार कुरआन शरीफ में ईश्वर का आदेश है कि अगर तुम मुझे मानते हो मुझ पर ईमान रखते हो, यानी मेरी दुनिया में रहकर मेरे होने का विश्वास अगर तुम्हारे दिलो में है तो मुझ से डरो और सच्चे लोगो के साथ रहो।। विपरीत से विपरीत परिस्तिथियों में भी तुम अन्यायी बनकर झूठ मत बोलो और नाही झूठ बोलने वाले बेईमानो का तुम साथ दो। धर्म हमेशा सत्य के साथ रहकर सच बोलने का सन्देश अपने मानने वालो को देता है तो फिर सवाल उठता है जब हर धर्म सच बोलने की बात कहता है तो फिर झूठ कहा से आया? मित्रो झूठ राजनीती बुलवाती है और देश में चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बने नरेन्द्र मोदी के जुमले भी, राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए किये गये वादे भी एक सफल नेता का सफाई से बोला गया झूठ है।

हुकूमत और दोलत का लालची आदमी झूठ पर झूठ बोलकर इन्हें जीवन भर प्राप्त करने में लगा रहता है। जब तक मनुष्य धर्म का पालन करके धार्मिक बना रहता है तब तक उसकी जबान सच बोलती है और जब आदमी धर्म से नाता तोड़कर राजनीती में घुसकर नेता बन जाता है तब उसका सत्य से नाता टूट जाता है। फिर उसकी जबान से सत्य की बजाय झूठ जारी होता रहता है। आज के इस युग की राजनीती का असल सत्य यही है जो जितना बड़ा झूठा है वह उतना ही बड़ा राजनेता है। हमारे देश में भी 70 साल से देश के नेताओं ने देश की जनता से बड़ा झूठ बोला है। देश की जनता से गरीबी हटाने के नाम पर, कभी भृष्टाचार मिटाने के नाम पर देश के लाल किले की दीवार से भी देश की जनता को झूठे आश्वासनों के साथ खूब झूठ परोसा जाता है। देश के नेताओ का झूठ ऐसा नही है सिर्फ जनता की चुनावी सभाओ में ही चलता है देश की लोक सभा विधान सभा में सारा देश और विश्व देखता है कि कांग्रेस के भृष्टाचार को छुपाने के लिए सारे कांग्रेस पार्टी के माननीय सांसद विधायक पार्टी लाइन के प्रभाव से झूठ बोलते है।

ठीक इसी प्रकार भाजपाई नेताओं के भृष्टाचार को दबाने के लिए सम्पूर्ण भाजपा के माननीय सांसद विधायक सदन में पार्टी लाइन के प्रभाव में आकर झूठ बोलकर अपनी पार्टी के भृष्टो के आचरण पर परदा डालते है। देश की संसद व सभी राज्यों की विधान सभा के पटल पर पार्टी व्हीप के प्रभाव से सत्य का गला घोंट कर सिर्फ और सिर्फ झूठ बोला जाता है। हमारे देश के वर्तमान प्रधानमन्त्री के द्वारा भी लाल किले की प्राचीर से लेकर चुनावी सभाओ में जमकर झूठ बोला गया है। काला धन वापस लाकर प्रत्येक देशवासी के खाते में 15 लाख रूपये डलवाऊंगा, एक सर के बदले देश में दस पाकिस्तानी फोजियों के सर लाऊंगा, ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। भाइयो और बहनों में देश का प्रधानमंत्री नही प्रधान सेवक हूँ। ये सब नारे दावे अब झूठे जुमले बनकर रह गये है।

हमारे देश में बड़ी समस्या यह है कि हमारे देशवासियों के चरित्र में भी अब सच बोलना कम ही पाया जाता है। रोजाना के छोटे छोटे कामो में भी हमारे देशवासी खूब झूठ बोलते है। जनता की बात तो छोडो अब तो धर्म के ज्ञानी महंत भी राजनीती में आकर जमकर झूठ बोल रहे है, और देश के सारे झूठे उन्हें ही राजा हरिश चन्द्र समझ रहे है। देश की अदालतों में से अब गीता, कुरआन को हटा दिया गया है कारण की जो भी आता है गीता और कुरआन पर हाथ रखकर धडाधड झूठ बोलने लग जाता है। जब देश की अदालतों में सारे झूठे गीता कुरआन पर हाथ रखकर झूठ बोलने लगे तो धार्मिक पुस्तको के अपमान के कारण उन्हें अदालतों से हटा दिया गया I अब हमारे देश में अधर्मियों के झूठ का इतना जाल फेल गया है कि अब झूठो के द्वारा बोला गया झूठ भी हमे सच लगने लगा है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा ना खाऊंगा ना खाने दूंगा, भृष्टाचार मुक्त भारत बनाने के दावे करना शायद एक कुशल नेता के द्वारा बोला गया चालाकी भरा झूठ था जिसका मतलब अपनी पार्टी व उनके समर्थक बने नेताओ के भृष्टाचार से नही था।

मोदी जी की पार्टी की राजस्थान राज्य की मुख्यमंत्री का भृष्टाचार करने का तरीका राष्ट्रवादी और देश भक्ति से भरा है। भाजपा के ही एक प्रदेश के बड़े नेता धनश्याम तिवाड़ी के अनुसार राज्य की मुख्मंत्री दिल्ली की भाजपा आला कमान के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी है। दिल्ली दरबार के नेता लालू प्रसाद यादव के साथ अरविन्द केजरीवाल की आप पार्टी के नेताओ के भृष्टाचार को खोजने में सरकारी तोते सी.बी.आई को लगा रहे है। धडाधड छापे मारकर लालू की पारिवारिक आय से अधिक सम्पत्ति की खोज कर रहे है। परन्तु उन्हें राजस्थान की भाजपा सरकार के भृष्ट मंत्री मुख्यमंत्री के भृष्ट कारनामे नजर नही आ रहे है।

वसुंधरा राजे की प्रथम सरकार के समय जयपुर की खासा कोठी होटल में बेश कीमती मुगलकालीन इरानी गलीचे लगे थे इन सरकारी गलीचो की कीमत हजार करोड़ रूपये से ज्यादा की थी। मुख्यमंत्री के निजी सचिव धीरेन्द्र कमठान ने यह सरकारी गलीचे सरकारी होटल खासा कोठी से मंगवाए थे। तत्कालीन सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी ने कमठान के नाम पर ये गलीचे रसीद लेकर उन्हें भेज दिए। तब से लेकर आज तक इन गलीचो के गायब होने का राज क़ानूनी दांव पेचो से दफ़न हो गया। वसुंधरा सरकार की चुनावो में पराजय होने के बाद बनी वर्ष 2008 की गहलोत सरकार में मुख्यमंत्री के निजी अधिकारी धीरेन्द्र कमठान के विरुद्ध हजारो करोड़ के सरकारों गलीचे चुराने का मुकदमा जयपुर के विधायकपुरी थाने में दर्ज हुआ। गहलोत सरकार के समय में कानूनी दांव पेचो के कारण यह मामला जांच में लटका रहा है। कोर्ट कचहरी में चले दांव पेंच के कारण इस गलीचा चोरी के प्रकरण में फिर लीपा-पोती करके हाईकोर्ट के आदेशो से यह फ़ाइल बंद हो गयी।

देश के प्रधानमंत्री जी से यहाँ हमारा सीधा सवाल है की हजारो करोडो के सरकारी गलीचे चुराने के आरोपी धीरेन्द्र कमठान का भृष्टाचार क्यों आपको भृष्टाचार नही लगता है। प्रधानमंत्री जी आदमी की बात गिरने से पहले आदमी लोगो की नजरो से गिर जाता है। शायद अब देश की जनता के बड़े भाग की नजरो में आपकी जुमलेबाजी सच से ज्यादा राजनैतिक मोके भुनाने की अवसरवादी झूठ बोलने की कला बनती जा रही है।लाल किले की प्राचीर से किया गया वादा प्रदेश की जनता भूल सकती है परन्तु एक अदृश्य ईश्वर की अदालत में आपका यह वादा लिखा गया है। अब धर्म और सत्य यही है की राज्य की सरकार के मुख्यमंत्री के सचिव धीरेन्द्र कमठान से सरकारी गलीचे बरामद करके भृष्ट कमठान को सजा दी जाए। राज्य की जनता हजारो करोडो के सरकारी गलीचे चुराने का सच जानना चाहती है। देखना यह है कि देश के प्रधानमंत्री देश की जनता से किया भृष्टाचार मिटाने का वादा निभाते है या फिर अपनी पार्टी की भृष्ट मुख्यमंत्री के भृष्ट सचिव के काले कारनामो पर रामनामी चादर डालकर उसे हमेशा के लिए भुला देंगे ?
मो. हफीज, व्यूरो चीफ, राजस्थान
Next Story