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स्वदेशी आतंकियों के राष्ट्रवादी पाखण्ड की भेंट चढ़ा पहलु खान!

Arun Mishra
11 April 2017 6:53 AM GMT
स्वदेशी आतंकियों के राष्ट्रवादी पाखण्ड की भेंट चढ़ा पहलु खान!
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देश की आजादी की लड़ाई में आज की भाजपा के मातृ संगठन संघ के महापुरुष अंग्रेजी शासन के साथ खड़े थे यह किसी से छिपा नही है। आजादी के तुरंत बाद देश में पहला आतंकवादी पैदा करने का सौभाग्य भी संघियों को मिला हुआ है। देश में घटित प्रथम आतंकवादी घटना के रूप में संघ के माननीयों के पुरखे नाथूराम गोडसे के कुकर्म देश के सामने आये थे। देश की आजादी में अंग्रेजी साम्राज्य के राय साहब बनकर मोज उड़ाने वालो ने ही फिर देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्या कर दी थी।

राष्ट्रपिता का हत्यारा संघ परिवार से जुडा हुआ था इसका भी प्रमाण भाजपा के शासन में स्वयं भाजपाई ही दे रहे है। आज भाजपा के शासन वाले राज्यों में जगह जगह भाजपाई बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे का गुणगान कर रहे हैं। गोडसे की स्तुतिगान में लगे संघी अब देश में गोडसे की पूजा करके उसे अपना भगवान मानकर उसकी पूजा के लिए मंदिर भी बनाने में लग रहे है। हमारे देश में अंग्रेजी शासन के गोरे अंग्रेज भारतवासियों में फूट डाल कर शासन करने के लिए बदनाम रहे है। अंग्रेजो के देश छोड कर चले जाने के बाद संघ की काली चमड़ी के अंग्रेज आज भी हमारे देश में अंग्रेजो की विचारधारा को पाल पोसकर उसे देश भर में फैला रहे है।

पराधीन भारत में सत्ता सुख भोगने के लिए अंग्रेजो की चाकरी करने वाले संघ निष्ठो में आज भी विदेशी गोरी गोरी चमड़ी अंग्रेजो से सीखे फूट डालो और राज करो की नीति के सारे दुर्गुण पाए जाते है। आज संघ के द्वारा पाले पोसे अंधे राष्ट्रवाद के भक्तो के कुकर्मो से भारत व भारतवासीयों के सामने इस स्वतंत्र राष्ट्र को बचाने के लिए गंभीर चुनोतिया खड़ी हो गयी है। देश में हिन्दू मुस्लिम की खाई को दिन प्रतिदिन संघ के स्वदेशी तालिबानी गुण्डे अपने कुकर्मो से और गहरी करने में लगे है। यहाँ गोरतलब होगा की राजस्थान की राजधानी जयपुर के नगर निगम की सरकारी गोशाला में भाजपा के शासन में हजारो गाये भूख और प्यास से तडप तडप कर दम तोड़ देती है।

इस घटना पर भाजपा सरकार के नामी परनामी त्यागी बलिदानी प्रतापी मंत्रियों की जुबान ख़ामोशी धारण कर लेती है। एक भी संघ के स्वदेशी राष्ट्रवादी ब्रांड से बने मंत्री ने एक शब्द भी गाय माता के पक्ष नही बोला था। स्वयं राज्य की मुख्यमंत्री ने एक बार भी निगम की सरकारी गोशाला में जाकर अभागी गाय माता के परिवार की सुध लेना भी उचित नही समझा था। लाखों गायों की हत्या के बाद मोन रहना और राष्ट्र के बेगुनाह राष्ट्र निवासियों को मारने में भी अब तो इन तथा कथित गो भक्तो को राष्ट्रभक्ति दिखाई दे रही है। देश में भारतमाता, गो माता, धरतीमाता के नाम पर राजनीती करने वालो को भारतमाता की धरती पर पलने वाली डेढ़ करोड़ जिस्म बेचने वाली वैश्याओं की चिंता नही है। दोगले भाजपाई अपने शासन वाले गोवा, त्रिपुरा राज्य में गाय माता को काटकर उसके मांस से विदेशी महमानों की आवभगत करते है तो दिल्ली में बैठकर किरण रिजूजू के रूप में गाय के मांस खाने की स्वीकारोक्ति करते है। आतंकी बम बन्दुक की गोली के बल पर आतंक फैलाते है तो उन्ही के भाई बने भाजपा के देसी तालिबानी आतंकी गाय माता के समीप खड़े होने से ही आतंक का संचार कर रहे है ।

शायद दुनिया भर के आतंकियों की कार्यशैली में काफी समानता है इसलिए स्वदेशी आतंकीयों के आदर्श पुरुष अब तालिबानी आतंकी बने है। हाल ही में झारखंड के गुमला में मुहम्मद सालिक और अलवर जिले के बहरोड़ कस्बे में पहलु खां को पीट पीट कर स्वदेशी राष्ट्रवादी आतंकियों ने मार डाला। देश भर मे भाजपा के शासन वाले राज्यों में कानून के शासन की अवधारणा पर संघ के स्वदेशी तालिबानी गुंडों की गुण्डागर्दी भारी पड रही है। देश में अब भाजपा के संघी गुंडों की नजर मे किसी के मुसलमान होने का कारण उसे मार देने के लिए काफी हो गया है। यहाँ गोरतलब होगा की देश में मुस्लिम समाज की अनेक जातीया पशुपालन व खेती के व्यवसाय में लगी हुई है। मेवात के क्षेत्र में हजारो लोग आज भी दूध का व्यापार करने केलिए गाय भेंस जैसे दुधारू जानवर पाल कर अपना जीवन यापन करते है। समाज में सत्ता के लालची भाजपा के नेताओ द्वारा अपने चुनाव जीतने के लिए समाज को हिन्दू-मुस्लिम के बांटा जा रहा है। अपनी माता को लावारिस बनाने वाले, जन्म देने वाले माँ बाप को वृद्ध आश्रम में छोड़ कर भारत माता का गुणगान कर रहे है ।

सम्पूर्ण देश की जनता राष्ट्र ध्वज तिरंगे झंडे को हाथ में थामकर देश भक्ति के गीत गाती है और संघ की भारत माता भगवा ध्वज थामे तिरंगे झंडे का अपमान करती है। वैसे संघियों की भारत माता को किसी ने अपनी आँखों से देखा नही है लेकिन अदृश्य अनदेखी भारत माता की जय बोलकर महिलाओ के पेट चीरकर मासूम बच्चो को मारने वाली माया कोडनानी को सब जानते है। ममता की मूर्ति माँ के धर्म को त्यागकर कोडनानी दरिंदा बन सकती है, तो फिर जिस भारत माता के नाम पर दंगो में लाशो के अम्बार लगाए जाते है वह कितनी भयानक होगी इसकी कल्पना से ही रोंगटे खड़े हो जाते है। यहाँ बड़ा सवाल यह है कि महज चुनावो में हिन्दू वोटो को प्राप्त करने के लिए धार्मिक उन्मादी युवक तैयार करने वाले भृष्ट नेता समाज को क्या दे रहे है। देश व समाज कोइस पर विचार करना चाहिए। पहलु खान की हत्या में बहरोड़ कॉलेज का छात्र संघ अध्यक्ष अब जेल चला गया है। पहलु खां की हत्या के चश्मदीद गवाह स्वयं उसके पुत्र है जिनकी गवाही छात्रो को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त होगी। एक बेकसूर को मारने के जुर्म में अनेक छात्र जेल चले गये है, जिनके परिवारो पर क्या बीत रही होगी।

ज्ञान देव आहूजा जैसे घोर भृष्ट साम्प्रदायिक नेता की लगाई आग में जलकर अनेक छात्रो के साथ पहलू खान के परिवार की आँखों में पालने वाले सपने जलकर ख़ाक हो गये है। छात्रो के जीवन में अन्धकार छा गया है। भारत माता गो माता के नाम पर विधायक मंत्री बनने वाले भाजपा के नेताओ का सम्बन्ध गो माता से कितना है उस पर भी विचार कर लेना चाहिए। सडको पर अपने पेट की आग शांत करने के लिए कचरे के ढेर में प्लास्टिक की थेलिया अथवा मृत जानवरों के मांस का भक्षण करने वाली गाय माता किसी की भी माता नही है। इस प्रकार के दृश्य देखकर भी कोई माता का पुत्र विचलित नही होता है। अधिकांश दुकानों पर गाय माता के नाम पर चंदा देने के लिए प्रेरित करने वाले स्लोगन लिखे दान पात्र रखे मिलते है मगर गाय माता का चंदा कोन खा रहा है। इसकी खोज करने के लिए गाय माता के पुत्रो के पास समय नही है।

गाय माता के पुत्रो की नपुसंक बहादुरी तभी जागती है जब गाय माता किसी मुस्लिम के समीप खड़ी दिखाई देती है I एक निरीह बेगुनाह पर अक्सर माता के पुत्र अपनी नपुसंक मर्दानगी के जोहर आजमाते रहते है। इसके पीछे रातो रात नेता बनने की लालसा का लोभ मन मे होता है। यह लालसा जगाकर देश के नोजवानो को कोन मरने मारने के खेल खेलने को मजबूर कर रहा है ? देश की धरती पर रहने वाले धरती पुत्रो के बेगुनाह खून बहाने से आपकी भारत माता तो शायद प्रसन्न होती होगी परन्तु विश्व में भारत राष्ट्र के चेहरे पर इससे कालिख ही फैलती है। आज नही तो कल यह स्वन्त्रत भारत राष्ट्र धर्म, भारतमाता, गो माता के नाम पर होने वाले सामाजिक विध्वंस, दंगो की कीमत जरुर मांगेगा तब शायद देश में लड़ने व लडाने वाले धर्म योद्धाओ के पास भी सिवाए भारी शर्मिंदगी के इसका कोई जवाब नही होगा।
मो. हफीज, व्यूरो चीफ, राजस्थान
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