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बाबा और नेता में समानता, पर इस मामले में नेता आगे!

बाबा और नेता में समानता, पर इस मामले में नेता आगे!
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Equality in Baba and Leader, but leader in this matter!

देश में नेताओं और बाबाओं में कई हद तक कई समानताएं देखने को मिलेंगी। लेकिन इस मामले में नेता लोग बाबा को पीछे छोड़ देते है। जब इस बात को आप ध्यान से पड़ेंगें तो जरुर आपको इस असलियत की बात समझ आ जाएगी। बाबा को भीड़ चाहिए नेता को भी चाहिए।


अगर आप नेताओं और बाबाओं में समानता ढूंढ़ने बैठे तो कई सारी चीजें मिलेंगी जो दोनों में बिल्कुल समान होगी जैसे अंध-भक्‍तों का हुजूम, पॉपुलैरिटी, मृदुभाषी, दो चेहरे वाले, अरबों के मालिक आदि-आदि। बस एक जो सबसे बड़ी असमानता है। वह यह है कि बाबाओं को पाप की सजा इसी जनम में भुगतनी पड़ रही है। जबकि नेताओं के साथ ऐसा नहीं हो पा रहा है। वे जुगाड़ लगाकर बचने में सफल हो रहे हैं।


अगर इसी तरह हमारे देश के नेताओं पर भी कार्यवाही होने लगी तो देश सुधरने में मात्र कुछ समय ही लगेगा। नेता दोषी होने के बाद भी कोर्ट से येन केन प्रकारेण जमानत हासिल कर लेता है जबकि कोई अन्य अपराधी तो अपने निजी की मौत में भी शामिल होने की गुहार लगाते लगाते दम तोड़ देता है। काश इस देश में न्याय सबको कब मिलेगा, यह एक यक्ष प्रश्न खड़ा हुआ है।

शिव कुमार मिश्र

शिव कुमार मिश्र

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