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क्या बीजेपी आज़म के साथ मिलकर कोई मुस्लिमों के खिलाफ षड्यंत्र तो नहीं कर रही, नहीं तो भेजे जेल
देश में सेना के खिलाफ उत्तर प्रदेश के मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री आज़म खान एक बेहद घटिया बयान देते है. हमारे देश की यूपी सरकार और केंद्र सरकार के प्रवक्ता उन्हें समाजवादी पार्टी से निकलने की मांग करते है. वाह रे कानून?
क्या आज़म सपा से निकाल दिए गये तो उन्हें क्या सजा मिलेगी. हां इतना जरुर है अगर कोई हिन्दू कुछ बोल देता तो बीजेपी जेल जरुर भेज देते. अब इन्हें कौन समझाये कि कब भेजोगे आज़म को जेल? या फिर ये मुस्लिमों को बदनाम करने की नई साजिश है. ना तो सभी मुस्लिम आज़म है और ना ही सभी देश विरोधी.
जानिए आज़म के बारे
आज़म खान की पत्नी सांसद है और बेटा विधायक और खुद वो विधायक होने के अलावा एक यूनिवर्सटी के मालिक है. इनकी पूरी जिंदगी मुसलमानो के विरोध पर टिकी है. जो जाहिर में उनकी हमदर्दी दिखता है. इन्होंने अपना पेट अच्छे से भरा है. जबानी लफ़्फ़ाज़ी के अलावा जमीन पर इनका कोई अच्छा काम दिखा हो तो बतायें. ऐसे वक़्त में जब पुरे देश का मुसलमान अपने अस्तित्व को लेकर चिंता में घिरा हुआ है. वो सेना के खिलाफ गैर जिम्मेदार और घटिया बयां दे रहे है. जिसका विभाजनकारी ताकते मुसलमानो की सोच बताकर प्रचार कर रही है.
दरअसल पहली बात आज़म खान की यह निजी सोच भी तो हो सकती है और तमाम मुसलमानो की नही. वो मुसलमानो की मुश्किलों में और इजाफा कर रहे हैं जो वो करते रहे है. लेकिन इस बयान का असर सभी मुसलमानों पर पड़ता. क्या बीजेपी आजम के सहारे मुसलमानों पर हमला तेज तो नहीं करना चाहती है. अगर नहीं तो आज़म पर देश द्रोह का मुकद्दमा दर्ज कर जेल भेजना चाहिए. ताकि हमारी सेना पर फिर से किसी को ऊँगली उठाने की जुर्रत ना हो.
दूसरी बात अभी बीते दिनों जुनैद की हत्या के बाद मुस्लिमों ने ईद पर इसका शांतिपूर्ण विरोध काली पट्टी बांधकर नमाज अता कर किया. जिसमें देश के हर कोने समर्थन की आवाज आई. इस मुहिम का नेत्रत्व युवा मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी कर रहे थे. इसकी चर्चा विश्व के मिडिया काफी जोर शोर से हुई. क्योंकि कुछ भारतीय मुस्लिमों ने विदेश में भी इसका समर्थन किया. क्या बीजेपी की इस झुंझलाहट का आज़म से विरोध कराना तो नहीं है. क्योंकि इस कार्य में हिन्दुओं ने भी समर्थन किया कि देश के लोकतंत्र को भीड़तंत्र से बचाइये.
तीसरी बात ये है कि मुस्लिमों को बदनाम करने का सबसे बड़ा कारण आज़म खान है. समाजवादी पार्टी के हारने एक बड़ा कारण भी आज़म खान है. अब सभी मांग कर रहे कि आज़म को सपा से निकालो. क्या मजाक कर रहे हो बीजेपी वालो. आपकी राज्य और केंद्र में सरकार है. और जरा भी देश के हित और नैतिकता का सवाल है तो आज़म खान को देश द्रोह के मुकद्द्म्में में जेल भेजो. जो तुम किसी भी कीमत पर करोगे नहीं. फिर मुस्लिमों के खिलाफत का बयान कौन देगा. अगर हिन्दू कोई इतना बोल देता तो अब तक जेल मे होता.
अब आपको एक बड़ा रहस्य बताता हूँ कि आज़म खान की यूनिवर्सिटी की मान्यता बीजेपी के गृहमंत्री राजनाथ सिंह की सरपर्स्त्ती में हुई. अब बीजेपी के आज़म के सम्बन्धों की है . अगर आजम जेल नहीं भेजे गए तो मुस्लिमों को बीजेपी से नहीं आज़म से ज्यादा खतरा होगा.