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भ्रष्टाचार और दीगर समस्याओं पर प्लानिंग नहीं फैसले की जरूरत है

Special Coverage News
3 Aug 2017 6:21 AM GMT
भ्रष्टाचार और दीगर समस्याओं पर प्लानिंग नहीं फैसले की जरूरत है
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Need no planning planning on corruption and problems

बादशाह ने गधों को क़तार में चलते देखा तो कुम्हार से पूछा "इन्हें किस तरह सीधे रखते हो?" कुम्हार ने जवाब दिया "जो गधा लाइन तोड़ता है उसे सजा देता हूँ,बस इसी खौफ से ये सब सीधा चलते हैं".


बादशाह ने कहा "मेरे देश में बुहत अशांति फैली है,लोग आपस में खूब लड़ते हैं,चोरियां सारे आम होरही है..क्या तुम मेरे देश में शान्ति क़ायम कर सकते हो?" कुम्हार ने हामी भर दी...शहर आये तो बादशाह ने पुरे देश में न्याय का ज़िम्मा उन्हें दे दिया।


कुम्हार के सामने एक चोर का मुक़दमा लाया गया. कुम्हार ने फैसला सुनाया चोर के हाथ काट दिए जाए. जल्लाद ने वज़ीर की तरफ देखा और कुम्हार के कान में बोला "जनाब ये वज़ीर साहब का ख़ास आदमी है".

कुम्हार ने दोबारा कहा "चोर के हाथ काट दो" इसके बाद वज़ीर ने ख़ुद कुम्हार के कान में सरगोशी की "जनाब थोड़ा ख़याल करें. ये अपना ही आदमी है" कुम्हार ने कहा "चोर के हाथ और वज़ीर की ज़बान काट दो".

इस फैसले के बाद पुरे देश में शांति कायम होगयी. भ्रष्टाचार और दीगर समस्याओं पर लंबी चौड़ी प्लानिंग की ज़रूरत नहीं..अगर मेरिट पर फैसले लिए जाएँ तो समस्यायें हल होती है..

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