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केवल मुस्लिमों की नहीं योगी जी, जोधा अकबर के मिलन की संस्कृति है ताजमहल!

Special Coverage News
26 July 2017 7:42 AM GMT
केवल मुस्लिमों की नहीं योगी जी, जोधा अकबर के मिलन की संस्कृति है ताजमहल!
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योगी जी मुस्लिमों के मिलन से इस देश की संस्कृति को बहुत कुछ मिला है। कौन-कौन सी चीजो को आप मुस्लिम दुश्मनी में नकारेंगे...
हाल ही में उत्तर प्रदेश के फायर ब्रांड साधू से मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ताजमहल हमारी संस्कृति नही है। उनका यह व्यक्तव्य उनकी जननी संघ की मुस्लिम दुश्मनी की राजनीती का ही एक भाग है। शायद योगी जी को यह मालूम नही है कि अकबर-जोधाबाई मिलने से इस देश में एक नई संस्कृति का उदभव हुआ था। राजपूती, ईरानी, मुगलिया शैली की भवन निर्माण कला के प्रभाव के कारण ही ताजमहल जैसी खूबसूरत मोहब्बत की निशानी बयान करने वाली अदभुत ईमारत बन कर सामने आई है।
इस देश में देश भक्ति वतन परस्ती का चलन मुस्लिम राजाओं के समय भी जारी था। कहते है भारत में भगवान परशुराम धरती से क्षत्रियों को समूल रूप से सात बार नष्ट कर कर चुके हैं। यह संस्कृति योगी आदित्यनाथ को याद तो है पर शायद योगी जी अब इस संस्कृति को अपनी मानने से इनकार कर सकते है। क्योकि इस तर्क को मानने पर सवाल खड़े होते है जब सात बार राजपूतो का वंश नाश भगवान् परशुराम ने कर दिया तो योगी आदित्यनाथ जी कहा से आ गये ? जितनी विसंगति जितने कुतर्को से भरी परशुराम की कहानी है उससे भी कही ज्यादा योगी जी और उनकी जननी संघ की देश,धर्म भक्ति और शूरवीरता की कहानी है।
योगी और उनकी पार्टी के साथ संघ की मति मुस्लिम दुश्मनी में बोरा गयी है। मुस्लिम राजाओ ने इस देश पर सात सो से ज्यादा वर्षो तक शासन किया है। इस्लाम धर्म के अवतार पैगम्बर ने आज से 1450 वर्ष पूर्व कहा अपने अनुयायी से कहा था कि वतन से मोहबत करना ईमान का भाग है। जब भारत में मुस्लिम राजा आये तो भारत वर्ष छोटे छोटे राजाओ के राज्य में बंटा हुआ भाग था। इन सब राजाओं को एकता के सूत्र में पिरोकर एक देश का रूप देने वाले मुस्लिम शासक थे। शेर शाह सूरी बादशाह ने पेशावर से कलकत्ता तक ग्रांट ट्रंक रोड बनाकर अखंड भारत की कल्पना को साकार किया। जमीन की पेमायश यानी जमीन को नापने का कार्य अलाउद्दीन खिलजी ने शुरू किया जरीब के जरिये जो हाल के वर्षो तक भी जारी रहा है।
देश में 'जय श्री राम' का नारा लगाकर किलो का आठ सो ग्राम आज भी तोलते है, वह भी मिलावट के खाद्य पदार्थ। शुद्ध खाद्य पदार्थ मिलना योगी के झूठे रामराज वाले उत्तर प्रदेश के साथ सम्पूर्ण देश में दूभर हो चूका है। योगी जी, मुस्लिम राजा अलाउद्दीन खिलजी ने देश में कानून बनाया था कि जो व्यापरी जितना कम और मिलावटी सामान बेचेगा उसके शरीर से उतना ही मांस काट लिया जाएगा। योगी जी चारागाह भूमि के साथ, मंदिर, मस्जिद माफ़ी भूमि की शुरुआत कहाँ से हुई जरा इस पर भी विचार कर लें। आपके शासन में उत्तर प्रदेश में आज मूक जानवरों के लिए आरक्षित चारागाह भूमि भी आप जैसे सफ़ेद पोश नेताओ के द्वारा बेच खाई है। यही कारण है कि आज हमारी गाय माता भूख से व्याकुल होकर कचरे के ढेर में मृत पशुओ के मांस का भक्षण कर रही है तो कही प्लास्टिक की थेलियों से अपने पेट की आग शांत कर रही है।
योगी जी मुस्लिमों के मिलन से इस देश की संस्कृति को बहुत कुछ मिला है। कौन-कौन सी चीजो को आप मुस्लिम दुश्मनी में नकारेंगे। संगीत के सुर, ताल, गायकी की कला, हाथी, शेर जैसे जानवरों को पालतू बनाने की कला, खुशबु की महक, युद्ध भूमि में शरीर को सुरक्षा देने वाली जरी बख्तर, तोपखाना, कपडे सिलने की कला, अस्पताल, सराय, कमजोरो के लिए छात्रवृती वजीफा बहुत कुछ मिला है। आपकी पार्टी के प्रधानमंत्री ने आजादी के पर्व पर लाल किले की प्राचीर पर देश का झंडा लहराकर जो भाषण दिया था वह भी आपकी संस्कृति का बनाया भाग नही है। चंपा, गुलाब, चमेली, हिना की खुशबु लेकर मुस्लिम आये थे, जवाहरात के रत्नों को तराशने का हुनर भी आपका नही है।
देश में सती प्रथा पर रोक सबसे पहले शाहबुद्धीन गोरी बादशाह ने लगाई थी। सभ्य कहलाने और विश्व गुरु होने का झूठा दंभ भरने वाले समाज में राजा के मुह से निकले शब्द कानून और न्याय होते थे। देश में न्याय क्या होता है यह मुस्लिम शासको ने अदालते बनाकर बताया। देश की अधिकाँश जनता तब आप जैसो की सामंती राज शाही के चंगुल में फसकर पशुओ से भी बुरा जीवन जी रही थी, तब के देश में दलित पिछड़ी जातियों के लोगो पर अत्याचार करना आप जैसे सामंतो और पुरोहितो का जन्म सिद्ध अधिकार था।
दलितों की पुत्रियों की शादी बालपन में भगवान से करके उन्हें देवदासी बना दी जाती थी। भगवान की पत्नी बनी देवदासियों से फिर दिन के उजाले में बालात्कार करके अपना मुह काला करने वाले पंडित धर्म पुरुषो की संस्कृति किसकी थी यह भी आप बता दीजिये। त्रावणकोर के राजा के शासन में दलित जाति की महिलाओ को स्तन खुले रखकर राज्य में सार्वजनिक रूप से चलने का आदेश देने वाले राजा की संस्कृति को टीपू सुलतान व् फिर अंग्रेजो ने रोका था। यह प्रेरणादाई संस्कृति किसकी थी ? देशवासियों को यह भी बता देना चाहिए।
ये सब घटनाए तबकी है जब देश में निरंकुश राजाओं का शासन था। अब ज़रा बात करते है स्वतंत्र भारत देश के प्रधानमंत्री स्वर्गीय वी.पी.सिंह के फतेहपुर संसदीय क्षेत्र की जहाँ पर घटित एक घटना के कारण देश में एस.सी.एस.टी. अत्याचार विरोधी कानून बनाया गया। फतेहपुर संसदीय क्षेत्र के गाँव में दलित युवक की शादी होने के बाद उस दलित की पत्नी से गाँव का ठाकुर सर्वप्रथम सुहागरात मनाता था। उसके बाद गाँव का पुरोहित दलित की पत्नी से सम्भोग करता था। उसके बाद ही फिर वह नव व्याहता दलित की पत्नी अपने पति से सुहागरात मनाती थी।
गाँव के एक शिक्षित दलित बुच्ची बाबु ने इस व्यवस्था के विरुद्ध विद्रोह करके अपनी पत्नी को गाँव के ठाकुर के हरम में नही भेजा। दलित बच्ची की इस हिमाकत के करने के जुर्म में एक दिन गाँव के ठाकुरों ने बुच्ची बाबु को जिन्दा जला डाला। उस समय बुच्ची की पत्नी गर्भवती थी। बच्ची की ह्त्या के बाद मचे हल्ले के कारण देश में दलितों के संरक्षण के लिए एस.सी., एस.टी. अत्याचार विरोधी कानून बनाया गया। दलित पुरुषो से नफरत करना और उनकी बहु बेटियों से शारीरिक सम्बन्ध बनाने की सामंती परम्परा आप जैसे के पुरखो की शुरू की गई है। जिसे आपके शासन वाले राज्य में आज भी चलाया जा रहा है।
भाजपा के शासन वाले राज्यों में आज भी दलित वर्ग की लड़कियों के साथ बालात्कार करने वालो में अधिकाँश आपकी संस्कृति के उच्च कुल के सुसंस्कृत उच्च जाति के लोग है। समय कितना ही बदल गया है परन्तु आप जैसो की संस्कृति आज भी अत्याचारी, बलात्कारी, हत्यारी बनी हुई है। बाबर ने अपने पुत्र हुमायूं को गो हत्या पर रोक लगाने की हिदायत दी थी परन्तु आपकी भगवा पार्टी की केंद्र सरकार के मंत्री किरण रिजूजू गो मांस भक्षी होने की घोषणा करके भी आपकी धर्म रक्षक गो रक्षक भाजपा सरकार में मंत्री बने बैठे है। आपकी बेशर्म गो भक्ति गोवा राज्य में भयानक रूप से तब निर्लज्ज हो जाती है जब आपकी अवसरवादी गो भक्ति में डूबी भाजपा की गोवा राज्य सरकार का मुख्य मंत्री मनोहर पर्रीकर गो मांस खाने के लिए कर्नाटक राज्य से बीफ मंगवाने के दावे करता है। आपकी आदर्शवादी भाजपा व संघ के युग पुरुषो की देश भक्ति अंग्रेजी साम्राज्य के सामने घुटनों के बल बैठकर माफ़ी मांग चुकी है।
आपके गुरु गोवलकर साहब अंग्रेजो से माफ़ी मागं कर ही जेल से बाहर निकले थे। योगी जी आपके उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दलितों की बहन बेटियों से बालात्कार करने वाले आपके सजातीय दबंग ठाकुर है। इनकी दलित दुश्मनी अंधी हो चुकी है इस कारण बलात्कार करने के बाद भी दलित महिलाओ के प्रति इनकी नफरत नही थमती है। चीखती, रोती, पीटती दलित महिलाओ के गुप्तांगो में तलवार डंडे डालकर अपने नपुन्सक शोर्य का प्रदर्शन करने वाले दबंगो के विरूद्ध आपके शासन में थानें में रिपोर्ट तक दर्ज नही होती है। क्या कारण है कि आज तक दलितों का उत्पीडन करने वालो की जाति धर्म एक ही है बस हर समय में दलितों को मारने वालो के चेहरे बदलते रहते है। आपके शासन में रामराज आ गया है जैसा आप कहते है परन्तु यह राम राज किसके लिए आया है ? शायद प्रदेश की जनता के लिए तो कतई नही है।
यह राम राज सिर्फ आपकी भगवा टोली के लिए ही राज्य में आया है। प्रदेश की जनता को आपके रामराज में केवल हत्या, लूट, बलात्कार ही हिस्से में आया है और उत्तर प्रदेश की जनता आपके राम राज में जगह जगह रावणों को भोग रही है। आपके शासन के तीन माह में 700 ह्त्या, 800 से अधिक लूट के साथ बलात्कार के 7 शतकीय आंकड़े बता रहे है अब आपके साधुवादी शासन में यूपी उत्तम प्रदेश के बजाय अपराध प्रदेश बन रहा है। आपकी नजर में मुग़ल राजा बहुत बुरे, दुष्ट है पर आपको हम जहाँगीर के इन्साफ के बारे में याद दिला देते है।
जहाँगीर बादशाह ने अपने महल के बाहर न्याय मांगने वाले फरियादियों के लिए एक जंजीर लटका दी थी जिस के हिलाने से घंटा बादशाह के शयन कक्ष में बजता था। जहाँगीर के राज में कभी भी कोई भी दुखी पीड़ित घंटा बजाकर बादशाह को न्याय के लिए जगा सकता था। जहाँगीर की बेगम नूरजहाँ के द्वारा शाही तीर से शिकार करते समय एक कपडे धोने वाला धोबी यमुना किनारे मारा गया था। तब जहाँगीर ने वो ही शाही तीर मृतक धोबी की पत्नी को देकर कहाँ था कि मेरी पत्नी ने इस तीर से तेरा सुहाग उजाड़ा है ले अब तू इसी तीर से तेरे सामने खड़े बादशाह को मार कर मेरी पत्नी का सुहाग उजाड़ दे।
बीकानेर के राजा शक्ति सिंह ने आँखों देखी इस घटना में मृतक धोबी की पत्नी को मुआवजा लेकर मामला रफा दफा करने के लिए तैयार किया था। औरंगजेब की दुश्मनी आपकी आँखों में आज भी तेर रही है पर कुछ इनके न्याय से आप भी सीखते तो ठीक रहता। बनारस शहर में औरंगजेब के द्वारा नियुक्त शहर कोतवाल इब्राहीम ने जब एक ब्राह्मण रामलाल की बेटी शकुंतला की इज्जत लूटना चाही तो औरंगजेब ने बनारस पहुँच कर कोतवाल इब्राहिम को हाथियों से उसके दोनों पैर बांधकर बीच में से चिरवा दिया था।
बादशाह औरंगजेब की न्याय प्रियता की याद में बनारस शहर के लोगो ने यादगार के रूप में एक मस्जिद बना दी थी। इसका आप भी चाहो तो पता कर सकते हो। कैलाश मानसरोवर को औरंगजेब ने सिर्फ इसलिए जीतकर भारत में मिलाया था कि कैलाश मानसरोवर के प्रति उसकी हिन्दू प्रजा की धार्मिक आस्था जुडी है। अच्छा होता योगी जी महाराज आपके साधूवादी चरित्र वाले शासन में आप न्याय करना शुरू करते। आपके शासन में रावणरूपी दरिन्दे दिन दहाड़े सीताओ का चीरहरण कर रहे है।
देशवासी जब राम राम सा के संबोधन से अभिवादन करते है तब उनके संबोधन में संस्कृति, धर्म की सच्चाई के साथ अपनेपन की सुगंध होती है। जब आप जेसे लोग जय श्री राम का नारा लगाते है तब उसमे राजनीती की कुटिलता और बनावटीपन छलकता है। आप जेसो ने भगवान राम के नाम को भी विराट से बोना बना दिया है। मर्यादा पुरुष के नाम पर मर्यादा विहीन, दुष्ट, लम्पट वोट प्राप्त करके सत्ता प्राप्त करते ही अपने अहंकार से रावण बन रहे है। जिन घर के बुजुर्गो की ऊँगली पकड़ कर चलना सीखा था उन घर के बुजुर्गो की आँखों में आंसू घर के बिगडेल सत्ता लोलूप नेताओ के कारण आ रहे है।
लाल कृष्ण आडवानी की सुनने वाला भाजपा में आज कौन बचा है ? आज देश में जहरीले सांपो से ज्यादा जहर भाजपा समर्थित साधू अपनी जहरीली वाणी से उगल रहे है। देश में अब एसे साधू नही रहे जो सांसारिक मोह में फंसे लोगो को परमात्मा के मिलन का मार्ग बताते थे। आज के साधू राजनीती में फंसकर दिन रात अपने लाभ के लिए झूठ बोलते है। 'सच बराबर तप नही झूट बराबर पाप, जाके हृदय सांच है उनके हृदय राम' पर अब साधुओ की नजरो में सत्ता का मोह घर कर गया है। वैष्णव जन तो तेने कहीये जो जाने पीर पराई रे।
अब देश की जनता के दुखो को जानकर व्याकुल होने वाले गांधी को देश में भुला दिया गया है। गांधी के त्याग और बलिदान के जीवन पर गांधी के हत्यारे गोडसे की विचारधारा को मानने वालो के मन में दया धर्म के स्थान पर नफरत हिंसा भर गई है। योगीजी खान अब्दुल गफ्फार सीमान्त गांधी ने अपने जीवन के 30 बरस अंग्रेजी हुकूमत की जेलों में बिताए थे। देश की आजादी के लिए अब गांधी के साथ सीमान्त गांधी, सरदार पटेल, भगत सिंह, भीमराव अम्बेडकर सब पर आपकी संघी विचार धारा महज सांकेतिक नारों के बल पर कब्जा करना चाहती है। इन सब महापुरुषों की विचारधारा का कत्ल देश में आपके ही लोग कर रहे है। योगी जी, मंदिर के भजन 'ओम जय जगदीश हरे' गाने वाले और लिखने वाले दोनों के रूप में मुस्लिम है।
मस्जिद की अजान में तो कृष्ण भक्ति में रसखान के रूप में मलिक मोहम्मद जायसी, अब्दुल रहीम, खुसरो के रूप में तो अग्नि मिसाईल के साथ पोकरण दो के बम विस्फोट में भी अब्दुल कलाम के रूप में हम है। 1947 के वक्त पाकिस्तानी कबायली हमले में सीना तानकर खड़े होने वाले फोजी अफसर उस्मान अली के रूप में पहले शहीद भारत रत्न हम है। 1971 के युद्ध में विश्व में अजेय समझे जाने वाले पैटर्न टेंक को शहीद अब्दुल हमीद बनकर हमने पंजाब में 9 पैटर्न टेंक तोड़ डाले। कारगील युद्ध के शहीद अविवाहित कर्नल हनीफुद्दीन भी हम है। कहाँ कहाँ से हमको अपनी दुश्मनी के बल पर आप भुलाओगे।
बनारस शहर में भोले के मंदिर के बाहर शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खां हो या आजाद हिन्द फोज के सुभाष चंद बोस के साथी कर्नल शाहनवाज हुसैन, अशफाक उल्ला खां के साथ 1857 की जंगे आजादी की लड़ाई की वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई के सेना पति गोस मोहम्मद हम है। शिवाजी की सेना में भी हम सलाहकार बनकर लड़े थे। हिन्दू हृदय सम्राट महाराणा प्रताप के सेना पति हकीम खान के रूप में हमारे ही खून से राणा प्रताप का इतिहास लिखा गया है। योगी जी आप भी अपने दिल को बड़ा रखिये, विज्ञान का सिद्धांत है जो भी पदार्थ सख्त होता है वोह सिकुड़ता है जैसे लोहा, और जो पदार्थ नरम होता है वह फैलता है जैसे मिटटी। बस आज देश को जरुरत विशाल और नरम दिल वाले नेताओ की है जो सब के लिए समान रूप से अपने बाहे फैलाकर सबको अपने गले से लगाले।

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