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नई दिल्ली : अगर आप भी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में हाथ धोने के लिए लिक्विड का इस्तेमाल करते है, तो ये खबर आपको हैरान कर सकता है। क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन में, ऑफिस में, जिम या रिजॉर्ट में रोगाणुओं से मुक्ति पाने के लिए आप जिन हैंड लिक्विड सोप का उपयोग करते हैं, वह कितना असरकारक है। सही मायने में वह उतना असरकारक होता नहीं है, जितना की आप सोचते हैं।
वैज्ञानिकों की मानें तो हैंड जेल आपको दिमागी संतुष्टि देता है, लेकिन उतना प्रभावी नहीं होता। कई बार तो यह उल्टा ही असर डालता है। आप जितना इस हैंड जेल के बारे में जानते हैं, क्या उतना ही सच है? अगर आप भी अपने हाथ लिक्विड से धोते है तो हो जाइये सावधान।
हैंड जेल्स क्यों हानिकारक है?
हैंड जेल्स की लोकप्रियता हरेक देश में है। खासकर ब्रिटेन में एक तिहाई लोग एक महीने में एक बार ज़रूर इसे ख़रीदते हैं। बता दें हैंड जेल्स में 60 फ़ीसदी एल्कोहल होता है। अगर इसका इस्तेमाल आप ज़्यादा मात्रा में करते हैं, तो तत्काल रोगाणु नष्ट हो सकते हैं, लेकिन इसका वास्तविक प्रभाव कुछ और है।
वैज्ञानिकों की मानें तो हैंड जेल की सफलता आपके हाथों में मिट्टी की मौजूदगी की मात्रा पर निर्भर करती है। न्यूरोवायरस और सीडिफिसाइल जैसे कुछ रोगाणुओं पर हैंड जेल बहुत असरकारक नहीं होता है। कई स्टडी के मुताबिक यह आपके स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है।
सही मायने में अगर कहा जाए तो हाथ धोने के लिये पानी और साबुन का इस्तेमाल ही सबसे अधिक प्रभावी और उचित है। हैंड जेल में ट्राइकोल्सन होता है, जो हार्मोन में गड़बड़ी पैदा करता है। और यह जीवाणु प्रतिरोधी क्षमता को भी कम करता है। खासकर बच्चों को इसे लेकर सतर्क रखना चाहिए क्योंकि उल्टी की आशंका बनी रहती है।
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