
"70 साल हो गए पर कोई भारतीय PM इजराइल नही आया, मेरे दोस्त मोदी इजराइल आ रहे है"

ये ट्वीट है इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का, जो उन्होंने भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की इज़राइल यात्रा से एक हफ्ते पहले किया है. आज जब सोशल मीडिया का इस्तेमाल दुनिया के राजनेता बाकी देशों को सन्देश देने के लिए करते है तो ये ट्वीट दुनिया के देशों को ये स्पष्ट सन्देश देता है कि भारत इज़राइल के लिए कितना महत्वपूर्ण है. इज़राइल, दुनिया के नक्शे में एक डॉट के बराबर दिखने वाला एक देश है. तीन इज़राइल मिलकर राजस्थान के बराबर भी नही होते.
इज़राइल धार्मिक रूप से इतना कट्टर देश है कि वहां रविवार को नाक साफ करने पर न केवल जुर्माना लग जाता है बल्कि जेल भी हो सकती है, बावजूद इसके आज उसके पास रूस, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है, इज़राइल दुनिया के उन 9 देशों में शामिल है जिनके पास खुद का सेटेलाइट सिस्टम है जिसकी सहायता से वो ड्रोन चलाता है, अपनी सेटेलाइट टेक्नोलॉजी इज़राइल किसी देश के साथ शेयर नही करता. इज़राइल दुनिया का एकमात्र देश है जो एंटी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंड सिस्टम से पूरी तरह लैस है. इज़राइल की ओर आने वाली हर मिसाइल न सिर्फ रास्ते मे मार गिराई जाती है बल्कि एक मिनट के भीतर मिसाइल दागने वाली जगह की पहचान कर इज़राइल जवाबी मिसाइल दाग कर सब कुछ तहस नहस कर देता है. नागरिकता को लेकर इज़राइल की स्पष्ट नीति है कि दुनिया के किसी भी हिस्से में रहने वाले यहूदी को इज़राइल अपना नागरिक मानता है. हाँ, यहूदी होने के लिए आपके माँ और पिता दोनों का यहूदी होना अनिवार्य है. हैरानी की बात है कि जिस कौम की धार्मिक किताब दुनिया भर की धार्मिक किताबों में सबसे ज्यादा खून खराबे का आदेश देती है, वो कौम नोबल पुरस्कारों में डंका पीट देती है. आखिर ऐसा क्या है यहूदियों में जो न केवल आज दुनिया का सत्तर प्रतिशत कारोबार यहूदियों के हाथ मे है बल्कि अपनी सैन्य शक्ति से वो पूरी दुनिया मे अपनी ताकत का लोहा मनवाते है.