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राष्ट्रीय
यूरोपीय संघ से अलग हुआ ब्रिटेन, कैमरन की कुर्सी को कोई खतरा नहीं
Special Coverage news
24 Jun 2016 6:30 AM GMT
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ब्रिटेन: ऐतिहासिक जनमत संग्रह में ब्रिटेन यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग हो गया है। गुरुवार को वोटिंग खत्म होने के बाद शुक्रवार को वोटों की गिनती हुई, जिसमें 'लीव' यानी ब्रिटेन के ईयू का हिस्सा नहीं रहने के पक्ष में 51.9 फीसदी (17,410,742) लोगों ने वोट किया। जबकि 'रीमेन' यानी संघ का हिस्सा बने रहने के पक्ष में 48.1 फीसदी (16, 141, 241) वोट ही पड़े।
नतीजों के बाद प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की कुर्सी पर खतरे को लेकर खबरें आने लगीं, जिसका ब्रिटिश विदेश मंत्री ने खंडन किया। उन्होंने कहा कि कैमरन प्रधानमंत्री बने रहेंगे। दूसरी ओर, नतीजों के बाबत पाउंड 31 साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है, वहीं भारतीय शेयर बाजार सेंसेक्स में भी 1004 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
एक अनुमान के मुताबिक, 4 करोड़ 60 लाख से ज्यादा लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया। इनमें करीब 12 लाख भारतीय मूल के हैं। सभी 382 क्षेत्रों के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। ब्रिटेन में किसी भी चुनाव में जनभागीदारी का यह रिकॉर्ड है। राजधानी लंदन सहित दक्षिण-पूर्व ब्रिटेन के कई इलाकों में खराब मौसम के बावजूद लोगों में मतदान को लेकर खासा उत्साह दिखा।
गौरतलब है कि इससे पहले 1975 में भी इस तरह का एक जनमत संग्रह हो चुका है, तब अधिकतर लोगों यूनियन में बने रहने के पक्ष में वोट किया था।
ब्रिटेन में ही एक धड़ा यह भी मानता है कि ब्रिटेन का यूरोपियन यूनियन से अलग होना देश के लिए बड़ा झटका होगा। प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और कंजर्वेटिव पार्टी का भी यही मानना है। ब्रिटेन के नागरिकों की राय भी इस मसले पर बंटी हुई है। इसलिए मामले पर जनमतसंग्रह करवाना सही समझा गया। तकरीबब 4 करोड़ 60 लाख लोग जनमतसंग्र में हिस्सा लेने के योग्य हैं।
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