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राष्ट्रीय
चीन में लगा मुस्लिमो के बुर्का पहनने और दाढ़ी रखने पर प्रतिबन्ध, सहमें मुसलमान
शिव कुमार मिश्र
31 March 2017 4:41 AM GMT
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डॉ. संदीप कोहली
नई दिल्ली: चीन में मुस्लिम बहुल इलाके शिनजियांग प्रांत में इन दिनों जबरदस्त दमन चल रहा है। मुसलमानों पर सख्ती बरती जा रही है। मुसलमानों पर नए-नए कानून लादे जा रहे हैं। मस्जिदों में नमाज पढ़ने, रोजा रखने प्रतिबंध पहले से ही चल रहा था अब असामान्य दाढ़ी रखने और सार्वजनिक स्थानों पर मुस्लिम महिलाओँ के नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नया नियम एक अप्रैल से लागू होगा। नियम ना मानने वालो पर देशद्रोह का केस चलाया जाएगा। चीन में मुसलमानों पर इतनी सख्ती हो रही है लेकिन दुनियाभर के मुसलमानों की चिंता करने वाला पाकिस्तान चीन पर खामोश है।
शिनजियांग प्रांत में जारी हुआ आदेश- चीन धार्मिक कट्टरपंथ पर नियंत्रण रखने के लिए कई तरीके अपना रहा है। उसने पहले मस्जिदों में नमाज पढ़ने और रोजा रखने प्रतिबंध लगाया। अब दाढ़ी रखने और महिलाओँ के नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीन ने यह आदेश उत्तर-पश्चिम प्रांत शिनजियांग में जारी किया है। शिनजियांग प्रांत वही क्षेत्र है जहां चीन में सबसे ज्यादा मुसलमान रहते हैं। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक क्रियाकलापों के बारे में अब स्थानीय प्रशासन को जानकारी देनी होगी। इन धार्मिक क्रियाकलापों में खतना, निकाह, अंतिम संस्कार तक शामिल किया गया है। इन क्रियाकलापों से पहले स्थानीय प्रशासन और पुलिस को पूरी जानकारी देनी होगी। जो लोग सरकार के इस कानून की अवहेलना करेगा उसे देशद्रोही माना जायेगा।
स्थानिय मुस्लिम समुदाय में गुस्सा- इस फैसले से स्थानिय मुस्लिम समुदाय में गुस्सा है लेकिन चीनी प्रशासन ने इसका बचाव करते हुए कहा है कि इस आदेश का मकसद स्थानीय धार्मिक गतिविधियों के मामले में लोगों को बढ़िया सेवा मुहैया कराना है। जबकि जानकारों का मानना है कि चीन शिनजियांग में बढ़ते मुस्लिम वर्चस्व को रोकना चाहता है। इसके लिए वो समय-समय पर इस तरह के आदेश जारी करता रहता है। गौरतलब है कि इसी साल 6 जून को भी ऐसा ही आदेश जारी किया गया था, जिसमें चीन में रह रहे मुस्लिम लोगों को रमजान के महीने में रोजा रखने की इजाजत नहीं दी गई थी।
अपने देश के मुसलमानों पर चीन को नहीं है भरोसा- चीन में जिन इलाकों में मुस्लिम आबादी है वहां जबरदस्त दमन चल रहा है। मुसलमानों पर सख्ती की जा रही है। मस्जिदों में नमाज पढ़ने, रोजा रखने पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। मुसलमानों पर नए-नए कानून लागू किए जा रहे हैं। बुधवार को चीनी सरकार ने नया फरमान जारी किया जिसमें कहा गया कि मुस्लिम आबादी को धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की जानकारी अब से चीनी सरकार को देनी होगी। अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसे देशद्रोह माना जाएगा। चीन में मुसलमानों पर इतनी सख्ती हो रही है लेकिन दुनियाभर के मुसलमानों की चिंता करने वाला पाकिस्तान चीन पर खामोश है।
आतंकी संगठन ISIS दे चुका है चीन को धमकी...
* अमेरिका के इंटेलिजेंस ग्रुप SITE ने जारी की थी ये जानकारी।
* SITE की वेबसाइट पर एक 30 मिनट का वीडियो अपलोड किया गया।
* जिसमें साफ-साफ चीन के उइगर आतंकियों को देखा जा सकता है।
* एक उइगर आतंकी चीन को धमकी देता दिख रहा है।
* आतंकी वीडियो में कह रहा है कि हम तुम्हें अब हथियारों की जुबान से बताएंगे।
* जैसी नदियां बहती है अब चीन में ऐसा खून बहेगा, जुल्मों का बदला लिया जाएगा।
शिन्जियांग में बढ़ते आंतकवाद चीन की पहले से ही उड़ चुकी है नींद...
* शिन्जियांग प्रांत चीन का सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल प्रांत है।
* शिन्जियांग प्रांत की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने चिंता जताई थी।
* चीन का मानना है कि शिन्जियांग के मुस्लिम युवा आतंकी ट्रेनिंग ले रहे हैं।
* पाकिस्तान और अफगानिस्तान में उन्हें आतंकी ट्रेनिंग मिल रही है
* ट्रेनिंग के बाद ये आतंकी शिन्जियांग में छिटपुट वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
* 11 जनवरी को शिन्जियांग के होतन प्रांत में 3 आतंकी मारे गए थे।
* इससे पहले होतन में 28 दिसंबर को आतंकियों ने 5 लोगों की हत्या कर दी थी।
मुसलमानों की बढ़ती संख्या से डरा चीन...
* शिनजियांग चीन का उत्तर-पश्चिम में बड़ा प्रांत है।
* इसकी सीमाएं पीओके और अफगानिस्तान से मिलती है।
* शिनजियांग चीन का मुस्लिम बहुल प्रांत है।
* शिनजियांग की आबादी 2.18 करोड़ है।
* आबादी का 50 फीसदी मुसलमान हैं।
* प्रांत में 24,800 धार्मिक स्थल हैं।
* इनमें से 24,400 मस्जिद हैं।
* 29,300 धार्मिक गुरुओं में से 29 हजार इमाम हैं।
शिनजियांग में मुस्लिम आबादी...
* चीन में दो बड़े मुस्लिम समुदाय हैं 'उईघुर' और 'हुई'।
* दोनों समुदाय शिनजियांग प्रांत में ही रहते हैं।
* उईघुर पूरी आबादी का 45 प्रतिशत और और हुई 4.8 प्रतिशत है।
* यहां रहने वाले लोग ऐसी भाषा बोलते हैं जो तुर्की के करीब है।
* ये लोग सांस्कृतिक आधार पर मध्य एशिया के हिस्सों के करीबी हैं।
* हालांकि चीन की आबादी के महासागर में दोनों की संख्या बूंद के समान है।
* चीन धार्मिक असहिष्णुता के लिए कुख्यात माना जाता है।
* तिब्बत में बौद्ध, शिनजियांग में मुसलमान और झेजियांग में ईसाई।
* तीनों प्रांतों में इन्हें प्रताड़ित और धार्मिक-स्थलों को अपवित्र किया जाता है।
* शिनजियांग में महिलाओं के पर्दा करने पर रोक है।
* मुस्लिम सरकारी कर्मचारियों को रमजान में रोजा नहीं रखने दिया जाता।
* चीनी सरकार की प्रताड़ना का सबसे ज्यादा शिकार उईघुर समुदाय होता है।
* शिनजियांग में रहने वाला उईघुर समुदाय कट्टर मुस्लिम माना जाता है।
* हुई समुदाय में इस्लाम की कट्टरता नजर नहीं आती।
* अधिकतर लोग पड़े-लिखे होते हैं, बिजनेस और जॉब्स से जुड़े हैं।
शिनजियांग में क्यों मचा है संग्राम...
* उइगर लोगों का चीनी प्रशासन से टकराव शिनजियांग के इतिहास का हिस्सा रहा है।
* 1990 में सोवियत यूनियन के टूटने के बाद से यहां प्रदर्शनों की शुरुआत हुई।
* उइगर लोग चीन से आजादी की मांग करने लगे, चीन ने इसे बर्बरता से कुचल दिया।
* सांस्कृतिक भिन्नता से विपरीत आर्थिक वजहों से भी उइगरों में रोष है।
* चीन ने यहां नौकरी के अहम पद मूल लोगों को न देकर हान चीनियों को दिए गए।
* शिनजियांग में ये भी कारण रहा है, जिसने उइगरों में गुस्सा भड़काया।
* चीन ने कठोर नीति अपनाकर मस्जिद और धार्मिक स्कूल भी बंद करा दिए।
* 2014 में, सरकार के कुछ विभागों ने रमजान के महीने में रोजा रखने पर रोक लगा दी।
* 18 साल से कम उम्र के बच्चे मस्जिदों में नहीं जा सकते।
* फरवरी 2015 में शिनजियांग में धार्मिक आजादी को दबाने की एक और कोशिश की।
* चीन ने शिनजियांग की सड़कों पर मौलवियों को जबरन डांस के लिए मजबूर किया।
* मौलवियों से यह शपथ भी दिलवाई गई कि वह बच्चों को किसी तरह की धार्मिक शिक्षा नहीं देंगे।
शिनजियांग में बड़े हमले...
* 2008- बीजिंग ओलंपिक से पहले उइगरों को निशाना बनाया गया, जिसमें 200 लोग मारे गए थे।
* 2009- पुलिस स्टेशन पर हमला किया गया, जून में दंगे भड़के, 197 लोगो मारे गए।
* 2010- सरकार के मुताबिक उइगर आतंकियों ने अक्सु में सुरक्षाबलों पर ट्रक चला दिया, सात की मौत।
* 2012- 6 उइगर आतंकियों ने एयरक्राफ्ट को हाईजैक करने की कोशिश की।
* 2013- अप्रैल और जून में उइगुर और हान चीनियों में संघर्ष से 56 लोगों की मौत हुई थी।
* 2013- अक्टूबर में बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर पर बम धमाका हुआ जिसमें 5 की मौत हुई।
* 2014- कुलमिंग रेलवे स्टेशन पर हमले में 29 की मौत, यारकंत में एक शख्स ने 96 लोगों की हत्या की।
* 2015- आतंकियों ने अक्सू में 50 कोयला खदान मजदूरों को मार डाला।
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