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पेट निकलना मतलब फिगर खराब, कैसे कम होगी जिद्दी चर्बी, आइए जानें

Special Coverage News
24 July 2017 12:53 PM GMT
पेट निकलना मतलब फिगर खराब, कैसे कम होगी जिद्दी चर्बी, आइए जानें
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पेट निकल आना यानी फिगर का खराब हो जाना। वही फिगर जिसको सुधारने की लाख कोशिशें आप हर रोज करती हैं।
नई दिल्ली: पेट निकल आना यानी फिगर का खराब हो जाना। वही फिगर जिसको सुधारने की लाख कोशिशें आप हर रोज करती हैं। कभी नई ड्रेस खरीदती हैं, तो कभी कोई नया व्यायाम करती हैं। पर, निकला हुआ पेट आपकी सारी मेहनत खराब कर देता है। पेट की चर्बी कम करने के लिए आप लगातार जिम जाना नहीं चाहतीं और डाइटिंग आपसे होती नहीं है। ऐसे में आप क्या करेंगी? सच्चाई तो यह है कि पेट पर इकट्ठा जिद्दी चर्बी से छुटकारा पाने के लिए बेहद छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखना होता है।
आइए जानें:-
सही वक्त में करें कमाल:-
यह दोपहर का वो समय है, जो आपके पेट की चर्बी को कम करने के लिए जादुई काम करेगा। इस वक्त वो खाना खाइए, जो प्रोटीन से भरा हो, जैसे उबले हुए अंडे और कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट्स। कानपुर यूनिवर्सिटी में आहार विशेषज्ञ डॉ.भारती दीक्षित कहती हैं, 'इस समय को लंच से डिनर के बीच का समय भी कह सकते हैं। इस समय खाने से मेटाबॉलिज्म में तेजी आती है और वसा जल्दी बर्न होती है। इस वक्त सही आहार लेने से खून में शुगर की मात्रा भी नियंत्रित रहती है।'
पोस्चर हो ठीक:-
बढ़े हुए पेट का कारण सिर्फ ज्यादा या गलत खाना और व्यायाम ना करना ही नहीं होता है। इसका एक कारण बैठने की गलत स्थिति भी होती है। फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. अल्पना चौधरी कहती हैं, 'हमारी रीढ़ की हड्डी का आकार करीब-करीब हिंदी के एस अक्षर जैसा होता है, जबकि लंबे समय तक बैठकर काम करने वाले लोग खासतौर पर कंधे झुका कर बैठते हैं, जिससे रीढ़ की हड्डी का आकर सी अक्षर जैसा हो जाता है। इस गलत पोस्चर के कारण पेट की मांसपेशियां बाहर की ओर आने लगती हैं।' डॉ. अल्पना कहती हैं, 'लंबे समय तक बैठकर काम करने वाले लोगों को गलत पोस्चर और इस वजह से पेट पर इकट्ठा चर्बी की समस्या ज्यादा होती है।'
फाइबर बनेगा पक्का साथी:-
पेट पर चर्बी बढ़ने से रोकना है तो जरूरी है कि फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को अपना साथी बनाया जाए। फाइबर युक्त डाइट लेने से पेट देर तक भरा रहता है और खाना पचता भी जल्दी है। डॉ. भारती कहती हैं, 'घुलनशील फाइबर का सेवन हमेशा अच्छा होता है। यह फाइबर सेब, खट्टे फल जैसे संतरा और बीन्स व बीजों में पाया जाता है। दरअसल खट्टे फलों में विटामिन-सी होता है, जिसमें एक तरह का एमिनो एसिड बनता है, जो फैट को दिन भर के कामों में इस्तेमाल करने के लिए ऊर्जा में बदल देता है। मतलब वसा शरीर में जमा ना होकर इस्तेमाल हो जाता है।'
प्लैंक है परफेक्ट व्यायाम:-
प्लैंक एक ऐसी एक्सरसाइज होती है, जिसमें ऐसी स्थिति में निश्चित समय तक रहना होता है, जहां पैर की उंगलियां और हाथ की कोहनियां ही जमीन से छूती हैं बाकि पूरा शरीर हवा में ऊपर होता है। इस व्यायाम से पेट की मांसपेशियों के साथ जांघों, सीने और शरीर के पिछले हिस्से की मांसपेशियां भी सही आकार में आ जाती हैं। डॉ. अल्पना कहती हैं, 'प्लैंक करने से शरीर के इन सभी हिस्सों की मांसपेशियों पर इकट्टा अतिरिक्त चर्बी घटती है और साथ ही ये मांसपेशियां मजबूत भी बन जाती हैं।'
सेंधा नमक से कीजिए दोस्ती:-
डॉ. भारती की सलाह मानें तो हमें अपनी डाइट में सिर्फ और सिर्फ सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करना चाहिए। उनका मानना है कि खानपान में इस्तेमाल होने वाला सफेद नमक सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। डॉ. भारती के अनुसार, 'हमें सिर्फ सेंधा नमक ही खाना चाहिए। सेंधा नमक की जगह काला नमक का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पर, अगर आप सफेद नमक खाने से खुद को रोक नहीं पा रही हैं तो इस नमक की मात्रा दिन भर में 1500 मिलीग्राम से 2300 मिलीग्राम के बीच में रखें। अगर आप ऐसा नहीं करेंगी तो दिल की समस्याओं के साथ आपको रक्तचाप जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। सफेद नमक के सेवन से भी हमारे पेट के निचले हिस्से में चर्बी इकट्ठा होने लगती है और यह हिस्सा भारी हो जाता है। इसी तरह चीनी का इस्तेमाल भी सीमित करें। इससे सिर्फ कैलोरी मिलती है और दांतों के ऊपर वाली सुरक्षा परत कम होती है। चीनी की जगह खजूर का गुड़ या ब्राउन शुगर इस्तेमाल करें।'
डाइट में इन्हें कीजिए शामिल:-
डाइट में प्रोटीन और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को भरपूर मात्रा में शामिल करें। लो फैट डेयरी प्रोडक्ट, साबुत अनाज, सब्जियां और फल भरपूर मात्रा में खाएं। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां, बेरीज, अंडा, बादाम, ओट्स, पपीता, दही, गाजर, अंगूर, सोयाबीन, ग्रीन टी और नीबू को भी डाइट में शामिल करें।
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