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शहीद दिवस : आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखबीर और राजगुरू को दी गयी थी फांसी

Arun Mishra
23 March 2017 3:06 AM GMT
शहीद दिवस : आज ही के दिन 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखबीर और राजगुरू को दी गयी थी फांसी
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आज 23 मार्च है जिसे सम्पूर्ण देशवासी शहीदी दिवस के रूप में मनातें है। आज ही के दिन 86 साल पहले 23 मार्च 1931 के दिन शाम 7:30 बजे शहीदे आज़म भगतसिंह,राजगुरु और सुखदेव को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दी थी। 'स्पेशल कवरेज न्यूज़' आज इन अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

भगत सिंह का जन्म 27 या 28 सितंबर 1907 को ब्रिटिशकालीन पंजाब के लायलपुर में हुआ था। उनके पिता किशन सिंह, चाचा अजीत सिंह और स्वर्ण सिंह स्वतंत्रतासेनानी थे। उनके पिता और चाचा करतार सिंह सराभा और हरदयाल की गदर पार्टी के सदस्य थे। खुद भगत सिंह भी करतार सिंह सराभा को अपना आदर्श मानते थे। भगत सिंह के मन में क्रांतिकारी विचारों के बीच बचपन में ही पड़ गये थे। बड़ी मशहूर कहानी है कि जब भगत सिंह छोटे थे और उनके पिता और चाचा गन्ने बो रहे थे तो नन्हें भगत सिंह भी जमीन में कुछ बो रहे थे। जब उनके पिता ने पूछा कि तुम क्या कर रहो भगत तो उनका जवाब था, "बंदूके बो रहा हूं!"

शिवराम हरिनारायण राजगुरु: 24 अगस्त 1908 को खेड़ा पुणे (महाराष्ट्र) में पण्डित हरिनारायण राजगुरु और पार्वती देवी के घर इस महान क्रांतिकारी और अमर बलिदानी का जन्म हुआ। शिवराम हरिनारायण अपने नाम के पीछे राजगुरु लिखते थे। यह कोई उपनाम नहीं है बल्कि यह एक उपाधि है।

सुखदेव थापर: इनका जन्म पंजाब के लुधियाना जिले में 15 मई 1907 में रामलाल और रल्ली देवी के घर हुआ था। इनके जन्म से 3 महीने ही इनके पिता का निधन हो गया था ।इसलिए इनके लालन पोषण में इनके ताऊ अचिंतराम ने इनकी माता को पूर्ण सहयोग दिया। सुखदेव को इनके ताऊ व ताई ने अपने बेटे की तरह पाला पोसा। यह शहीद-ए-आज़म भगतसिंह के परम् मित्र थे। क्योकि भगतसिंह और सुखदेव ने लाहौर नेशनल कॉलेज से एक साथ शिक्षा ली थी।

सुखदेव ने लाला लाजपत राय की मौत का बदल लेने के लिए अँगरेज़ पुलिस अधिकारी साण्डर्स की हत्या की योजना रची थी।जिसे 17 दिसम्बर 1928 को भगतसिंह भगतसिंह,सुखदेव और राजगुरु ने अंजाम दिया था। इन्होंने महात्मा गाँधी द्वारा क्रांतिकारी गतिविधियों को नाकरे जाने के फलस्वरूप अंग्रेजी में गाँधी जी को एक खुला पत्र लिखा था जो कि तत्कालीन समय में बहुत ही चर्चाओं में रहा और युवा वर्ग में काफी लोकप्रिय भी हुआ।
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