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नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय 16 दिसंबर 2012 के सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चार दोषियों की दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों पर आज शुक्रवार (5 मई) को अपना फैसला सुनाएगा। जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस बानुमति की बेंच दोपहर करीब 2 बजे फैसला सुनाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 27 मार्च को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोषियों अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश की ओर से हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
साल 2012 में 16 दिसंबर की रात को 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में जघन्य तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे उसके एक दोस्त के साथ बस से बाहर फेंक दिया गया था। उसी साल 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में लड़की की मौत हो गयी थी।
दिल्ली पुलिस की दलील
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी थी कि इन चारों दोषियों ने बर्बर कृत्य किया है, चारों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। सजा में कोई रियायत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि अदालत को फैसला देते वक्त इस वारदात के ना केवल पीड़ित लड़की पर बल्कि पूरे समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखना चाहिए।
वहीं दोषियों की ओर से पेश वकील एपी सिंह और एमएल शर्मा ने कहा कि इस मामले में दोषियों की उम्र, फैमिली बैकग्राउंड और परिस्थितियों को देखते हुए इन्हें फांसी की सजा नहीं दी जानी चाहिए और उन्हें सुधार का एक मौका दिया जाना चाहिए।
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