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अब सिर्फ सेना के पास है 10 दिन का गोला बारूद, अब क्या होगा देश का, देखें CAG रिपोर्ट
Special Coverage News
22 July 2017 3:07 AM GMT
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नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने संसद में एक रिपोर्ट रखी है. इसमें बताया गया है कि युद्ध की स्थिति में सेना के पास 10 दिन के लिए ही पर्याप्त गोला बारूद हैं. इसमें कहा गया है कि 152 तरह के गोला-बारूद में से सिर्फ 20 फीसदी को ही संतोषजनक माना गया है.
बता दें कि पहले सेना के पास 40 दिनों के सघन युद्ध के लिए गोलाबारूद अपने वार वेस्टेज (डब्लू डब्लू आर) में रखना होता था. इसे साल 1999 में घटा कर 20 दिन कर दिया गया. नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पास 20 दिन के लिए पर्याप्त हथियार नहीं है.
कैग की रिपोर्ट
हमने गोला-बारूद की उपलब्धता (सितंबर 2016) में कोई महत्वपूर्ण सुधार नहीं देखा है .. 55 प्रतिशत प्रकार के गोला-बारूद की उपलब्धता एमएआरएल से कम थी, यानी न्यूनतम आवश्यकता से भी कम. और 40 प्रतिशत प्रकार के गोला-बारूद का 10 दिन से भी कम का स्टॉक है.
रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2016 में कुल 152 तरह के गोलाबारूद हैं. इनमें केवल 31 ही 40 दिनों के लिए पर्याप्त हैं. वहीं 12 प्रकार के गोलाबारूद 30-40 दिनों के लिए और 26 प्रकार के गोलाबारूद 20 दिनों से थोड़ा ज्यादा के लिए पर्याप्त हैं. इसमें यह भी कहा गया है कि बेहतर फौजी ताकत बनाए रखने के लिए जरूरी बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों (एएफवी) और तोपों के लिए गोला बारूद भी कम हैं.
बता दें कि यूपीए सरकार ने साल 2013 में साल 2015 तक गोलाबारूद की कमी को दूर करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया था. लेकिन इसमें कोई सुधार देखने को नहीं मिला है.
हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि 10 महीने में हुए रक्षा सौदों को पूरा होने में कम से कम दो साल का समय लगेगा. इसके बाद ही सेना को बेहतर हथियार मिल सकेंगे. सेना को रूस और इजराइल से साल 2019 में रॉकेट, ऐंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और दूसरे महत्वपूर्ण हथियार मिलेंगे. वहीं, 2019 से 2022 के फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू मिलेंगे.
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