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कुलभूषण जाधव मामले में भारत सरकार का कड़ा रुख, पाक कैदियों की रोकी रिहाई
Arun Mishra
11 April 2017 3:41 AM GMT
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नई दिल्ली : भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की ओर से फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। पाकिस्तान के फैसले से खफा भारत ने करीब दर्जनभर पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई रोक दी है। भारतीय जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों की सजा पूरी होने के बाद बुधवार को इनकी रिहाई होने वाली थी।
पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने सोमवार को इंडियन नेवी के पूर्व ऑफिसर कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई। जाधव को पिछले साल पाकिस्तान में जासूसी के आरोपों के चलते गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान की सरकार ने जाधव के प्रत्यर्पण से साफ इंकार कर दिया था। जाधव की मौत की सजा की जानकारी खुद पाकिस्तान आर्मी के चीफ कमर जावेद बाजवा ने मीडिया को दी। पाकिस्तान ने जिस तरह से कुलभूषण जाधव को लेकर फैसला लिया, इसको लेकर भारत सरकार ने नाराजगी जाहिर की है।
टीओआई में छपी खबर के मुताबिक भारत ने भी मामले में सख्ती दिखाने की कोशिश की है। यही वजह है कि पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई का फैसला अभी टाल दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि भारत सरकार को लेकर लगता है कि जिस तरह से कुलभूषण जाधव मामला सामने आया है, ये पाकिस्तानी कैदियों को छोड़ने का सही समय नहीं है।
पूरे मामले पर भारत के विदेश मंत्रालय ने इंडियन नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर और पाकिस्तान की ओर से जासूस करार दिए जा रहे कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब किया। बासित को समन भेजकर यह बात साफ कर दी गई है कि जाधव को सजा दिलाने वाली सारी प्रक्रिया को एक मजाक की तरह अंजाम दिया गया है। भारत ने यह साफ कर दिया है कि अगर इस मसले में कानून और न्याय का पालन नहीं किया गया तो भारत इसे 'जान-बूझकर की गई हत्या' मानेगा।
Arun Mishra
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