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कमांडेंट इकबाल सोमवार को सहरी के जल्दी जाग गये, फिर जो किया जानकर मारी ख़ुशी के पागल हो जायेंगे!

कमांडेंट इकबाल सोमवार को सहरी के जल्दी जाग गये, फिर जो किया जानकर मारी ख़ुशी के पागल हो जायेंगे!
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सच्चे मुस्लिम होने का दिया सबूत
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस (CRPF) के जवानों ने बांदीपोरा के संबल कैंप पर हुए आतंकी हमले को नाकाम करने में सफलता हासिल की, इसके बाद से ही जवानों की बहादुरी के चर्चे हैं। इस आतंकी हमले को नाकाम करने में कई फैक्टर काम आए। ऐसा ही एक फैक्टर था कमांडेंट इकबाल अहमद का रोजा रखना। कमांडेंट इकबाल के पास 45 सीआरपीएफ बटालियन की कमांड थी। बहादुर जवान चेतन चीता को गोली लगने के बाद इकबाल को कमांड मिली थी।

कमांडेंट इकबाल सोमवार को सहरी (रोजा के दौरान सुबह का खाना) करने के लिए थोड़ा जल्दी जग गए थे। अचानक उनका वायरलेस बज उठा। वायरलेस पर उनको जानकारी मिली कि कैंप पर आतंकी हमला हो गया है। सहरी छोड़ वह अपनी असॉल्ट राइफल लेकर नजदीकी कैंप की ओर भागे। वहां लश्कर-ए-तैयबा के 4 आतंकी कैंप पर हमले को अंजाम दे रहे थे।



हमले की सूचना मिलते ही त्वरित प्रतिक्रिया और तत्काल पहुंची मदद ने आतंकियों को नाकाम कर दिया। हमला नाकाम होने की वजह से कई जवानों की जिंदगियां बचाई जा सकीं। जिस समय कमांडेंट इकबाल को वायरलेस पर सूचना मिली वह संबल कैंप से करीब 200-300 मीटर की दूरी पर थे। रमजान के दौरान रोजा रखे अफसर इकबाल मौके पर तुरंत पहुंचे और तबतक रुके रहे जबतक चारों आतंकियों को मार नहीं गिराया गया।
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