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केंद्र सरकार के वध के लिए पशु बिक्री बैन के फैसले पर मद्रास हाई कोर्ट ने लगाई रोक

Arun Mishra
30 May 2017 1:28 PM GMT
केंद्र सरकार के वध के लिए पशु बिक्री बैन के फैसले पर मद्रास हाई कोर्ट ने लगाई रोक
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File Photo
उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है..?
नई दिल्ली : बूचड़खानों के लिए पशुओं की खरीद-फरोख्त पर केंद्र सरकार के रोक लगाये जाने की अधिसूचना पर मद्रास हाई कोर्ट के मदुरै बेंच ने चार हफ्तों के लिए रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

जस्टिस एमवी मुरलीधरन और जस्टिस टी कार्तिकेयन की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार के 23 मई की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। याचिका में कहा गया था कि खाने का अधिकार किसी व्यक्ति का निजी अधिकार है और इसमें दखल नहीं दिया जा सकता। हालांकि इस जनहित याचिका का विरोध करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि संबंधित अधिसूचना का मकसद केवल पशु बाजार को नियंत्रित करने के मकसद के लाया गया था।

ममता ने किया था विरोध?
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी केंद्र द्वारा वध के लिए (cattle for slaughter) जानवरों को बेचने पर लगाए गए बैन के खिलाफ आवाज उठाई थी। ममता ने केंद्र सरकार के इस कदम को राज्यों के काम में जानबूझकर की जा रही दखलंदाजी और डेमोक्रेसी के खिलाफ बताया। ममता ने कहा कि ये गैरकानूनी कदम है और हम इसे कानूनी तौर पर चुनौती देंगे।

केरल सीएम पिनारई विजयन ने जताया विरोध?
केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने 26 मई को कहा कि अगर आज उन्होंने पशु वध को प्रतिबंधित किया है तो वे कल मछली खाने पर रोक लगा देंगे। मलयालम में किये फेसबुक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने जनता से भाजपा नीत सरकार के 'इस असभ्य फैसले' के खिलाफ गुस्सा दिखाने को कहा। उन्होंने कहा कि यह देश के 'धर्मनिरपेक्ष छवि को खराब करने का प्रयास' है।
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