Archived

स्वच्छाग्रह : स्वच्छता के लिए किया गया कार्य ही 'बापू को कार्यांजलि' है : पीएम मोदी

Arun Mishra
11 April 2017 3:20 AM GMT
स्वच्छाग्रह : स्वच्छता के लिए किया गया कार्य ही बापू को कार्यांजलि है : पीएम मोदी
x
नई दिल्ली : चंपारण आंदोलन के 100 साल पूरे होने पर दिल्ली के नेशनल आर्काइव्स म्यूजियम में खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में चंपारण आंदोलन के सौ साल पूरे होने पर डिजिटल प्रदर्शनी 'स्वच्छाग्रह' का आगाज हुआ। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। प्रदर्शनी का विषय 'बापू को कार्यांजलि' है। इस प्रदर्शनी का शीर्षक स्वच्छाग्रह रखा गया है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गांधी जी ने हमें शांतिपूर्ण सत्याग्रह का रास्ता दिखाया। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि कैसे लोगों को अपनी आत्मशक्ति का अहसास हुआ। उन्होंने कहा था कि आजादी से ज्यादा जरूरी स्वच्छता है। हमें उनके उसी सपने को पूरा करना है। पीएम ने देश की जनता से अपील की कि स्वच्छता मिशन को सफल बनाकर को वे महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सत्याग्रह का लक्ष्य देश को आजादी दिलानी थी वहीं, स्वच्छाग्रह का लक्ष्य देश को क्लीन इंडिया में बदलने का है।

गांधी के सत्याग्रह के पांच अहम तथ्य को 'पंचामृत' बताते हुए पीएम ने कहा कि सत्याग्रह, जन शक्ति, स्वच्छता और शिक्षा, महिलाओं की स्थिति में सुधार, अपने हाथ से काते गए वस्त्र ये ऐसे पंचामृत थे जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। पीएम ने कहा कि स्वच्छता के प्रति किया जाने वाला भाव ही स्वच्छाग्रह है और बापू के लिए किया जाने वाला कार्य ही उनको सच्ची कार्यांजलि होगी। उन्होंने कहा, 'भारत की पहचान एक स्वच्छ देश के तौर पर हो इसके लिए हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए। सत्य के प्रति आग्रह की तरह ही स्वच्छता के प्रति भी आग्रह हो।

मोदी ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह एक पारस है। ऐसे ऐतिहासिक आंकड़ों को जानने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'चंपारण से पहले गांधी सत्याग्रह की ताकत से तो परिचित थे लेकिन उनको मालूम था कि केवल उनके सत्याग्रही बनने से इच्छित परिणाम नहीं मिल पाएगा। वह देश की जनमानस को सत्याग्रह की ताकत का अहसास कराना चाहते थे। महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि कैसे लोगों के अपनी शक्ति का अहसास हुआ। उन्हें लगा कि परिवर्तन हो सकता है, बदलाव हो सकता है। लोगों का वहम दूर हुआ कि कुछ हो ही नहीं सकता है। कुछ परिवर्तन आ ही नहीं सकता है। गांधीजी मूल रूप से स्वच्छाग्राही थे। वह कहते थे कि स्वच्छता आजादी से ज्यादा अहम है।'

पीएम ने आजादी और सफाई की बारिकियों को समझाते हुए कहा कि 'सत्याग्रह' का उद्देश्य आजादी से था, जबकि स्वच्छताग्रह भारत को स्वच्छ बनाने का अभियान है।
महात्मा गांधी ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ 'सत्याग्रह' शुरू किया था। राष्ट्रीय अभिलेखागार भवन के आगे के हिस्से को डिजिटल वॉल के रूप में विशेष रूप से प्रज्वलित किया जाएगा। महात्मा गांधी ने साल 1917 में बिहार के चंपारण जिले में अंग्रेजी शासन के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी। बिहार में नील की खेती करने वाले किसानों के शोषण के खिलाफ गांधी ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बिगुल फूंका था।
Next Story