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पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव की दया याचिका की खारिज

Special Coverage News
16 July 2017 1:17 PM GMT
पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव की दया याचिका की खारिज
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Kulbhushan Jadhav
आपको बता दें कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव पर जासूसी का आरोप लगाते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई है...
नई दिल्ली : पाकिस्तान का एकबार फिर शैतानी चेहरा सामने आया है। पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की दया याचिका खारिज कर दी है। आपको बता दें कि पाकिस्तान ने जाधव पर जासूसी का आरोप लगाते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई है।

जाधव को पाकिस्तान ने पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था, तथा पाक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी करने तथा विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त होने का दोषी करार दिया था। भारत का कहना है कि भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त हो चुके कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जहां वह व्यापार कर रहे थे।

वहीं पाकिस्तान का कहना है कि जाधव को पिछले साल 3 मार्च को निर्विवाद बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान के फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा इसी साल अप्रैल में जाधव को मौत की सजा सुनाई गई थी। इसे लेकर भारत ने बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी और 'सोच समझ कर की जाने वाली हत्या' को अंजाम दिए जाने की स्थिति में द्विपक्षीय संबंधों में खटास और परिणाम भुगतने की चेतावनी पाकिस्तान को दी थी।

गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय यानी ICJ में कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाए जाने के कुछ दिनों बाद पाकिस्तान ने कहा था कि भारतीय नागरिक को तब तक फांसी नहीं दी जाएगी, जब तक उसकी सभी दया याचिकाओं पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती। जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ भारत ने ICJ में अपील किया था। बीते 18 मई को ICJ ने जाधव की सजा की तामील पर रोक लगा दी थी।

पाकिस्तान ने जाधव को भारतीय वाणिज्यिक दूतावास पहुंच देने से लगातार इनकार किया है और अपने बेटे को देखने के लिए पाकिस्तान आने के वास्ते उनकी मां का वीजा आवेदन मंजूरी के लिए प्रशासन के समक्ष लंबित है। भारत का कहना है कि कुलभूषण जाधव तक राजनयिक पहुंच देने और उनकी मां के वीजा आवेदन पर पाकिस्तान के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

हालांकि पाकिस्तानी मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इस्लामाबाद जाधव की मां को उनसे मिलने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा था कि मामला अब अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के सामने मौजूद है और भारत अपनी दलीलें देने के लिए 13 सितंबर की समयावधि का पालन कर रहा है।
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