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नई दिल्ली: औद्योगिक क्षेत्रों में दुर्घटनाग्रस्त होने वाले कर्मचारियों और उनके परिजनों को नियोक्ताओं द्वारा मुआवजे का प्रावधान करने वाले'कर्मचारी मुआवजा (संशोधन) विधेयक 2016' पर वुधवार को राज्यसभा ने देर शाम विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से इसे मंजूरी दे दी। इसके साथ इस पर संसद की मुहर लग गई। लोकसभा इसे पहले ही नौ अगस्त 2016 में पारित कर चुकी है। लगभग एक घंटे तक चली चर्चा के बाद श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि इससे कर्मचारियों की सुरक्षा में इजाफा होगा। दुर्घटनाग्रस्त होने पर कर्मचारियों और उनके परिजनों का जीवन पूर्व की भांति चल सकेगा। कर्मचारियों की मुआवजा कम से कम दस हजार रुपए होगा। मृत्यु की स्थिति में कम से तीन लाख 97 हजार रुपए का मुआवजा कर्मचारी को देना होगा।
बता दे की विधेयक में प्रावधान है कि मुआवजे के संबंध में किसी विवाद की स्थिति में श्रम आयुक्त और इसके बाद उच्च न्यायालय में अपील की जा सकेगी। हालांकि विवादित राशि कम से कम 300 रुपए होनी चाहिए। चर्चा में माकपा के तपन कुमार सेन, भाकपा के डी राजा, कांग्रेस राजीव गौडा और पी. बंद्योपाध्याय, बसपा के बीर सिंह और वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी ने भाग लिया।
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