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पोखरण परीक्षण ने विश्व को भारत की ताकत का अहसास कराया : नरेंद्र मोदी
शिव कुमार मिश्र
11 May 2017 6:54 AM GMT
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People of Pokhran must be lauded for maintaining silence during entire duration when the tests were planned and conducted. They placed interest of the nation above everything else.”
भारतीय वैज्ञानिकों के कौशल और प्रौद्योगिकी विकास के प्रतीक के तौर पर 1999 से हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। 11 मई का चुनाव स्वाभाविक है क्योंकि इसी दिन 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने पोखरण में पांच परमाणु परीक्षणों में से पहले को सफलतापूर्वकर अंजाम दिया था। इन परीक्षणों ने पूरे विश्व को भारत की ताकत से परिचित कराया।
पोखरण परीक्षण में भारतीय वैज्ञानिकों के शानदार योगदान को याद करते हुए नरेंद्र मोदी कहते हैं, "दुनिया पोखरण परीक्षण से बहुत अच्छी तरह से अवगत है। अटलजी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक ये परीक्षण हुए और पूरी दुनिया भारत के ताकत की गवाह बनी। वैज्ञानिकों ने देश को गौरवान्वित किया।"
मोदी इस घटना को याद करते हुए आगे कहते हैं, "परीक्षणों की पहली सीरीज के बाद विश्व समुदाय ने भारत पर प्रतिबंध लगा दिये। 13 मई, 1998 को अटलजी ने फिर परीक्षणों के लिए कहा। इस तरह यह दिखलाया कि वे किसी और चीज से बने हैं। अगर हमारे पास कमजोर प्रधानमंत्री होते तो वह उसी दिन डर गये होते। लेकिन अटलजी अलग थे। वे डरे नहीं।"
परमाणु परीक्षणों के दौरान चुप्पी बनाए रखने पर पोखरण के लोगों की भूमिका की सराहना करते हुए श्री मोदी कहते हैं, "पोखरण के लोगों की निश्चित रूप से सराहना करनी होगी, जिन्होंने परीक्षण की योजना से लेकर उस पर अमल करने तक चुप्पी बनाए रखी। उन्होंने देश हित को बाकी सभी चीजों से ऊपर रखा।"
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