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राष्‍ट्रपति चुनाव : छह लोगों ने नामांकन दाखिल किए, जानिए- कैसे होता है चुनाव

Arun Mishra
15 Jun 2017 6:37 AM GMT
राष्‍ट्रपति चुनाव : छह लोगों ने नामांकन दाखिल किए, जानिए- कैसे होता है चुनाव
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President of India House
राष्ट्रपति पद के सर्वसम्मत उम्मीदवार के चयन के लिए BJP की ओर से गठित उच्च स्तरीय समिति के सदस्य शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे। एम वेंकैया नायडू, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली इसके सदस्य हैं.
नई दिल्ली : चुनाव आयोग के द्वारा राष्ट्रपति चुनावों का नोटिफिकेशन जारी करने के बाद से ही इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई है। एक तरफ जहां एनडीए और यूपीए अपना उम्मीदवार चुनने में माथापच्ची कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर 6 लोगों ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश कर दी है।

इन 6 लोगों में मुंबई के पटेल दंपति सायरा बानो, मोहम्मद पटेल और मोहम्मद पटेल, अब्दुल हामिद सहित छह लोगों ने बुधवार को राष्ट्रपति चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के पहले दिन अपना पर्चा दाखिल किया। इनके अलावा तमिलनाडु के के. पद्मराजन, मध्य प्रदेश के आनंद सिंह कुशवाहा, तेलंगाना के ए. बाला राज और पुणे के कोंडेकर विजयप्रकाश ने भी अपना नामांकन-पत्र दाखिल किया।

रद्द होंगे नामांकन
हालांकि, इन सभी का नामांकन रद्द होना तय है क्योंकि इनमें से किसी ने भी निर्वाचक मंडल में से 50 प्रस्तावकों और प्रस्ताव के इतने ही समर्थकों के दस्तखत की अनिवार्य शर्त पूरी नहीं की है, लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों की विधानसभों के निर्वाचित सदस्य राष्टपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में शामिल होते हैं।

वहीं, दूसरी तरफ इससे पहले कल, राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति पर विचार विमर्श के लिए विपक्षी नेताओं की बुधवार को दिल्ली में बैठक हुई। इस बैठक में हालांकि किसी के नाम को लेकर चर्चा नहीं हुई। कांग्रेस नेता आजाद ने कहा है कि हम एकजुट हैं तथा अपना उम्मीदवार तय करने के लिए हम फिर मिलेंगे। विपक्ष की यह बैठक संसद भवन में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के कक्ष में हुई। आपको बता दें कि 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की बुधवार को अधिकारिक घोषणा होने से चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो गई।

सोनिया गांधी से मिलेंगे बीजेपी उच्च स्तरीय समिति के सदस्य
राष्ट्रपति पद के सर्वसम्मत उम्मीदवार के चयन के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से गठित उच्च स्तरीय समिति के सदस्य शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली को इसका सदस्य बनाया। समिति के सदस्य गांधी से मुलाकात के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी के साथ विचार विमर्श करेंगे। वहीं, भाजपा नेताओं ने बहुजन समाज पार्टी के नेता सतीश चन्द्र मिश्रा तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता प्रफुल्ल पटेल से फोन पर बातचीत की है।

17 जुलाई को होना है चुनाव देश के अगले राष्ट्रपति का चुनाव
17 जुलाई को होगा और मतगणना 20 जुलाई को होगी। देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो जाएगा। राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 28 जून है। ऐसे में एनडीए अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम जल्द फाइनल करना चाहता है।

कैसे होता है देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद राष्ट्रपति का चुनाव?
चंद दिनों में राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का एलान हो जाएगा और ये संभव है कि जुलाई तक हमें पता चल जाएगा कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जगह कौन लेगा। इस सबके बीच सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर राष्ट्रपति का चुनाव होता कैसे है? हम आपके लिए राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े उन सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं जो इस वक्त आपके मन में उठ रहे होंगे।

पहला सवाल- सबसे पहला सवाल कब होगा राष्ट्रपति का चुनाव ?
राष्ट्रपति का चुनाव 5 सालों में एक बार होता है, सामान्य परिस्थितियों में आमतौर पर ये चुनाव जुलाई के महीने में होते हैं। चुनाव आयोग जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का एलान करने वाला है। संभवत: जुलाई के दूसरे सप्ताह में राष्ट्रपति का चुनाव हो सकता है।

दूसरा सवाल- राष्ट्रपति को कौन चुनता है ?
राष्ट्रपति में आम जनता वोट नहीं डालती है, जनता की जगह उसके प्रतिनिधि वोट डालते हैं यानि ये सीधे नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष चुनाव हैं। राष्ट्रपति को राज्यों के चुने हुए प्रतिनिधि यानि विधायक, लोकसभा और राज्यसभा के सांसद चुनते हैं। राज्यसभा, लोकसभा विधानसभा के मनोनीत सांसद, विधायक राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डालते हैं।

किस पद्दति से होता है राष्ट्रपति पद का चुनाव?
आपको जानकर खुशी होगी कि हमारे देश में राष्ट्रपति के चुनाव का तरीका सबसे अनूठा और पारदर्शी है, एक तरह से इसे आप सर्वश्रेष्ठ संवैधानिक तरीका कह सकते हैं। इसमें विभिन्न देशों की चुनाव पद्धतियों की अच्छी बातों को चुन-चुन कर शामिल किया गया है। अपने यहां राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज करता है, इसके सदस्यों का प्रतिनिधित्व वेटेज होता है।

कैसे तय होता है प्रतिनिधियों के वोटो का वेटेज?
लोकसभा और राज्य सभा के 776 सांसदों के कुल 5,49,408 है जबकि पूरे देश में 4120 विधायकों के 5,49, 474 है. इस तरह कुल वोट 10,98,882 है और जीत के लिए आधे से एक ज्यादा यानी 5,49,442 चाहिए. विधायक के मामले में जिस राज्य का विधायक हो उसकी 1971 की जनगणना के हिसाब से आबादी देखी जाती है। आबादी को चुने हुए विधायकों की संख्या से भाग दिया जाता है, अब जितना रिजल्ट आए उसकों 1000 से भाग किया जाता है। अब जो आंकड़ा हाथ लगता है, वही उस राज्य के एक विधायक के वोट का मूल्य होता है। सांसदों के वोटों के वेटेज का गणित अलग है। चुने लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों के वोटों का मूल्य फिक्स होता है। एक सांसद के वोट का मूल्य 708 होता है।

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