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मीरा कुमार साबरमती से शुरू करेंगी प्रचार, कहा- 'जाति को गठरी को जमीन में नीचे गाड़ देना चाहिए'

Arun Mishra
27 Jun 2017 9:52 AM GMT
मीरा कुमार साबरमती से शुरू करेंगी प्रचार, कहा- जाति को गठरी को जमीन में नीचे गाड़ देना चाहिए
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मीरा कुमार ने कहा, '17 पार्टियों ने मुझे राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. सभी को अपनी अंर्तआत्मा की आवाज सुनना चाहिए..'
नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से संयुक्त उम्मीदवार और कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वह गुजरात के साबरमती आश्रम से अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगी।

मीरा कुमार ने कहा, '17 पार्टियों ने मुझे राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है. सभी को अपनी अंर्तआत्मा की आवाज सुनना चाहिए. मीरा कुमार ने कहा, जाति की बातों को गठरी बनाकर जमीन में गाड़ देना चाहिए. देश को आगे बढ़ना चाहिए.' ये बात उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव को दलित बनाम दलित की तरह देखे जाने सवाल पर कही. बता दें कि मीरा कुमार दलित वर्ग से आती हैं. वहीं, एनडीए के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट रामनाथ कोविंद भी दलित हैं.

दरअसल रविवार को सुषमा ने मीरा कुमार पर पक्षपात का आरोप लगाया था. इसके लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्विटर के जरिये एक वीडियो को सार्वजनिक किया था. सुषमा ने इस वीडियो के जरिये ये बताने की कोशिश की हैं कि जब मीरा कुमार लोकसभा स्पीकर थीं तो वह विपक्ष की बातों को गंभीरता से नहीं लेती थीं. एक तरह से सुषमा ने मीरा कुमार की भूमिका पर सवाल खड़े किया है.

मीरा कुमार ने कहा, पिछले कुछ दिनों से चल रहे राजनीतिक घटनाक्रमों से आप भली-भांति परिचित हैं. 17 मुख्य विपक्षी दलों ने सोनिया गांधी के नेतृत्व में सर्वसम्मति से मुझे चुना है. विपक्ष की एकता समान विचारधारा पर आधारित है.

यह विचाराधारा गरीबी का अंत, जाति व्यवस्था का विनाश, प्रेस की आजादी की बात करती है. मैंने निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों को पत्र लिखा है. उनसे समर्थन मांगा है. उनसे अनुरोध किया है कि उनके सामने ये अद्वितीय अवसर है. सभी तरफ से ध्यान हटाकर अंर्तआत्मा की आवाज पर ध्यान देना चाहिए.

इससे पहले जब इस उच्च पद के लिए चुनाव हुए तो तथाकथित उच्च जाति के उम्मीदवार थे. उनकी योग्यता की चर्चा हुआ करती थी. मुझे याद नहीं कि कभी उनकी जाति की चर्चा हुई.

विपक्ष को लेकर मीरा कुमार के रवैये के बारे में सुषमा स्वराज के हालिया ट्वीट्स पर पूर्व स्पीकर ने कहा- मैं जिस लोकसभा की स्पीकर थी, उसके अंतिम सत्र के अंतिम दिन सभी दलों के नेताओं ने अपने-अपने समापन भाषण दिए जो रिकॉर्ड हैं. चाहे पक्ष हो या विपक्ष,सभी ने मेरी कार्यशैली की सराहना की थी.
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