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राष्ट्रीय
चीनी राजदूत लू झाओहुई से मिले थे राहुल गांधी, कांग्रेस ने कहा- 'सनसनी न फैलाएं'
Special Coverage News
10 July 2017 11:47 AM GMT
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File Photo
कांग्रेस पूरी हठधर्मिता के साथ 6 घंटे पहले तक इस तरह की किसी भी मुलाकात के होने से इनकार करती रही। लेकिन जब इस मुलाकात के तथ्य सार्वजनिक हुए तो कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा...
नई दिल्ली : कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बहुत ही गोपनीय तरीके से चीन के राजदूत से मुलाकात की थी। कांग्रेस के पूरे प्रयास थे कि उनकी इस मुलाकात की किसी को कानो कान खबर न हो। मगर यह खबर बाहर आई। कांग्रेस पूरी हठधर्मिता के साथ 6 घंटे पहले तक इस तरह की किसी भी मुलाकात के होने से इनकार करती रही। लेकिन जब इस मुलाकात के तथ्य सार्वजनिक हुए तो कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा और अब उसके प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला यह कह कर बचाव कर रहे हैं कि राजदूत समय समय पर कांग्रेस के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से मुलाकात करते रहे हैं और राहुल गांधी की यह मुलाकात मात्र शिष्टाचार मुलाकात थी।
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, 'कई राजदूत कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष से समय-समय पर शिष्टाचार भेंट करते रहते हैं। किसी को इस भेंट को लेकर सनसनी फैलाने की जरूरत नहीं है।'
क्या कांग्रेस इस बात का जवाब देगी की 6 घंटे तक उसने इस मुलाकात से क्यो इनकार किया। क्या वजह थी जो उसके प्रवक्ता झुठ बोलते रहे। इस शिष्टाचार मुलाकात की कथित आड़ में कांग्रेस के उपाध्यक्ष ने कही कोई राजदार यौजना की पटकथा तो नही लिखी । क्या कांग्रेस इस बात को स्पष्ट करेगी।
मणिशंकर अय्यर का पाकिस्तान जाकर वहां के टीवी पर इस देश की चुनी हुई सरकार के तख्ता पलट की गुहार लगाना भूला भी नही हैं क्या अब मणिशंकर अय्यर की जगह राहुल गांधी ने ले ली हैं ? चीन के राजदूत के साथ हुयी इस मुलाकात को लेकर बोला गया झूठ क्या कांग्रेस की किसी बदनीयत की तरफ इशारा नही कर रही।
बता दें कि भारत में चीन के दूतावास की ओर से सोमवार को दावा किया गया था कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 8 जुलाई (शनिवार) को चीनी राजदूत लू झाओहुई से मुलाकात की थी। हालांकि बाद में चीनी दूतावास ने इस कथित मुलाकात से सबंधित जानकारी को अपनी वेबसाइट से हटा दिया था। कांग्रेस की ओर से भी इस बात का खंडन किया गया था कि राहुल ने ऐसी कोई मुलाकात की है। इस जानकारी का स्क्रीनशॉट भी मौजूद है। हालांकि चीनी दूतावास की ओर से सिर्फ जानकारी हटाई गई है, सफाई में कुछ नहीं कहा गया है। अब कांग्रेस के इस बयान के बाद स्थिति साफ हो गई है।
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