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राष्ट्रीय
राष्ट्रपति चुनाव: कांग्रेस को हुआ गलती का एहसास, नीतीश-राहुल की जल्द मुलाकात
Special Coverage News
7 July 2017 7:39 AM GMT
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नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी को जेडीयू के समर्थन देने के बाद से विपक्ष के बीच जो एकता बनने से पहले ही टूटती दिख रही थी। वो फिर से जुड़ती नजर आ रही है। राष्ट्रपति का उम्मीदवार तय करने में जो विवाद हुआ है, उससे सबक लेकर कहा जा रहा है कि इस बार विपक्षी पार्टियां सावधान हैं।
कांग्रेस के बदले सुर और जेडीयू की तरफ से नरमी से अब फिर से लगने लगा है कि दोनों पार्टियों के बीच सबकुछ ठीक हो रहा है। विपक्ष और सीएम नीतीश कुमार के बीच बढ़ती दूरी को कांग्रेस कम करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के नेताओं को जेडीयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी नहीं करने के सख्त निर्देश दिए है।
सूत्रों के अनुसार संसद के मानसूत्र सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस नीतीश कुमार से संपर्क साधेगी। नीतीश कुमार जल्द ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। कांग्रेस चाहती है कि सत्र शुरू होने से पहले पूरा विपक्ष सरकार के खिलाफ एकजुट हो। वहीं खबर ये भी है की उपराष्ट्रपति चुनाव के मसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्ष के साझा उम्मीदवार को समर्थन दे सकते हैं।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने में देरी हुई है। नीतीश कुमार का कहना सही है, हमसे गलती हुई है। इसीलिए इस बार हमने पहले ही सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा उम्मीद है इस बार नीतीश कुमार विपक्ष के साथ ही होंगे। हमारे बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है।
उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आजाद ने कहा कि, बैठक में जो भी उम्मीदवार चुना जाएगा, वह आम सहमति से चुना जाएगा। कांग्रेस इस पर बिल्कुल जोर नहीं देगी कि, उम्मीदवार कांग्रेस का हो। अगर बैठक में किसी और नाम पर सहमति बनती है तो कांग्रेस पूरी तरह से उस उम्मीदवार का समर्थन करेगी।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में NDA के साथ खड़ी जेडीयू अब उपराष्ट्रपति चुनावों में विपक्ष के साथ जाएगी। जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी ने बुधवार को संकेत दिए की उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष जो भी साझा उम्मीदवार देगा, जेडीयू उसके साथ है। उन्होंने कहा कि इसके लिए फिर से उन्हीं 17 पार्टियों की बैठक बुलाकर सबकी सहमति से विपक्ष के उम्मीदवार का चयन होना चाहिए।
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