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इस ज्योतिषी की बिहार और गुजरात की भविष्यवाणी निकली सच, अब की कांग्रेस और बीजेपी को लेकर चौकाने वाली भविष्यवाणी
देश के युवा ज्योतिषियों में आजकल एक नाम बड़ी तेजी से उभरकर सामने आ रहा है वह नाम है "पं. हनुमान मिश्रा" का। पंडित मिश्रा का नाम तब सुर्खियों में आया था जब नोट बंदी से पूर्व उन्होंने सहारा "समय" के चैनलों पर यह भविष्यवाणी की थी कि "बैंकिंग सेक्टर में किसी बड़े फ़ेरबदल के हैं योग" "बैंकिंग सेक्टर में सुधार की पहल होगी तेज" "आर्थिक जगत के घपले घोटाने सामने आने के हैं योग" "शासकों और प्रशासकों की योग्यता में होगा विस्तार"। इन भविष्यवाणियों को आप पंडित मिश्रा की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल में जाकर देख भी सकते हैं और इन भविष्यणियों से आप नोटबंदी और नोटबंदी के बाद काले कुबेरों के धन पर हुए अटैक का अनुमान लगा सकते हैं।
इसके बाद सिलसिला चलता रहा, बात जयललिता जी मृत्यु की भविष्यवाणी की हो या अमेरिकी चुनाव की। पंडित मिश्रा की भविष्यवाणियां सच होती रहीं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि हमारी मीडिया टीम उनकी फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल को निरंतर फ़ालो करती रही है। 26 जनवरी को उन्होंने शनि के गोचर के आधार पर भविष्यवाणी कर कहा कि जिन राज्यों में भाजपा या भाजपा के सहयोग से सरकारें बनी हैं वहां राजनैतिक अस्थिरता रह सकती है। हम सबने देखा, सुना और जाना कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और जम्मू कश्मीर में बड़ी अस्थिरता देखने को मिली। भविष्यवाणी के अनुसार 21 जून के बाद भाजपा को राहत और बड़े फायदे की बात कही गई थी।
21 जून के दिन उनसे बात की तो शनि के गोचर को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कुछ भविष्यवाणियां की जिसमें से कुछ प्रमुख भविष्यवाणियां इस प्रकार थीं।
वक्री होकर वृश्चिक में लौटा शनि भाजपा के लिए अनुकूल।
26 अक्टूबर 2017 से पहले भाजपा को मिल सकता है बड़ा फायदा।
गुजरात कांग्रेस में बड़ी फूट के आसार।
यदि बाघेला साहब ने पार्टी छोड़ी तो प्रत्यक्षत: पार्टी में जाने के योग कम।
पार्टी छोड़ने के पीछे लालच कम और जिद अधिक रहेगी।
अहमद पटेल को रोकना हो सकता है उनका उद्देश्य।
भविष्य में उन्हें कहीं का राज्यपाल बनाया जा सकता है।
महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश या बिहार राज्यपाल बनने की सम्भावनाएं अधिक।
केंद्र सरकार, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार के मंत्री मंडल में फेरबदल सम्भावित।
बिहार के महागठबंधन में भाजपा लगा सकती है सेंध।
जम्मू कश्मीर में भी भाजपा के प्रति जन रुझान में बढ़ोत्तरी सम्भावित।
दिल्ली में पुन: राजनैतिक अस्थिरता के हैं योग।
दक्षिण भारत में भाजपा की पकड़ हो सकती है मजबूत।
दक्षिण भारत की किसी चर्चित हस्ती का मिल सकता है भाजपा को समर्थन।
अक्टूबर के बाद कांग्रेस आदि महागठबंधन को मिलेगी बेहतर ऊर्जा।
इनमें से गुजरात कांग्रेस में फूट की भविष्यवाणी सही निकली। बाघेला साहब की कांग्रेस से अलग होने की भविष्यवाणी भी सही निकली। किसी पार्टी में प्रत्यक्षत: न जुड़ने की भविष्यवाणी भी सही निकली। यह भी स्पष्ट हो गया है कि भले ही वो किसी पार्टी में न गए हों लेकिन उनका और भाजपा का उद्देश्य अहमद पटेल को रोकना ही है। अब देखना है कि क्या बाघेला साहब राज्यपाल बनाए जाएंगे या नहीं? अगर हां तो क्या उन्हें महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश या बिहार ही मिलेगा या कोई दूसरा राज्य? ये बातें तो अभी भविष्य के गर्त में हैं लेकिन गुजरात को लेकर की गई पंडित हनुमान मिश्रा की कई भविष्यवाणियां सही निकलीं।
बिहार को लेकर पंडित हनुमान मिश्रा नें हमसे 21 जून को ही कहा था कि "बिहार के महागठबंधन में भाजपा सेंध लगा सकती है और अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है। हुआ भी वहीं। हम सबने देखा, सुना और जाना कि बिहार के मुख्यमंत्री अचानक इस्तीफ़ा देते हैं और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना लेते है। अनुभवी राजनैतिक पंडित लालू प्रसाद भी भाजपा की इस राजनैतिक सेंधमारी से हतप्रद हैं। विहार को लेकर पंडित जी की भविष्यवाणी ये भी है कि क्योंकि वक्री शनि ने वहां भाजपा के साथ सरकार बनवायी है ऐसे में वहां मध्यावधि चुनाव की सम्भावनाएं भी बन रही हैं। "केंद्र सरकार, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार के मंत्री मंडल में फेरबदल सम्भावित।" वाली भविष्यवाणी भी सही होती नज़र आ रही है। बिहार में सरकार बदली और मंत्री मंडल बदला। मध्य प्रदेश में भी 26 अक्टूबर से पहले कुछ मंत्रियों में बदलाव की सम्भावनाएं है और वहां के प्रदेशाध्यक्ष या मुख्यमंत्री के बदले जाने की भविष्यवाणी भी होने की सम्भावनाएं बन रही हैं।
पंडित जी की अगली भविष्यवाणियों पर गौर करें तो उन्होंने जम्मू कश्मीर को लेकर भविष्यवाणी की थी कि "जम्मू कश्मीर में भी भाजपा के प्रति जन रुझान में बढ़ोत्तरी सम्भावित है।" वर्तमान में वहां की स्थितियां भी कुछ ऐसी बन रही हैं। पी.डी.पी. की मुख्यमंत्री और भाजपा के बीच मनमुटाव बढ़ता जा रहा है जो जम्मू कश्मीर में राज्यपाल या राष्ट्रपति शासन को निमंत्रण दे सकता है। जो भविष्य में पुन: चुनाव का संकेतक है।
दिल्ली को लेकर पंडित जी ने जो भविष्यवाणी है कि अक्टूबर तक का समय दिल्ली में राजनैतिक अस्थिरता लाहे का काम कर सकता है। हालांकि अभी इसके लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं लेकिन अन्य भविष्यवाणियों की सफलता को देखते हुए इस बात को सिरे खारिज तो नहीं ही किया जा सकता है। देखते हैं आने वाले दिनों में भाजपा दिल्ली के किले में किस प्रकार सेंध लगाती है?
दक्षिण भारत में भाजपा की पकड़ हो सकती है मजबूत। ऐसी भविष्यवाणी पंडित जी ने कर रखी है। अपनी बातों को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा था कि वृष राशि जो कि दक्षिण दिशा की द्योतक है और शुक्र की राशि है, उस पर शनि और गुरु का प्रभाव है अत: उस क्षेत्र में सत्ताषीनों की यानी भाजपा की पकड़ मजबूत हो सकती है। वहां के कुछ दलों और नेताओं को भाजपा में शामिल किया जा सकता है। कोई चर्चित व्यक्ति और फ़िल्मी हस्ती भी भाजपा के समर्थन में आ सकती है। स्पष्ट करते हुए पंडित मिश्रा ने कहा कि बहुत सम्भव है कि वो रजनीकांत भी हो सकते हैं।
पंडित मिश्रा के अनुसार ऐसा भी नहीं कि हमेशा भाजपा का झंडा बुलंद रहेगा। बहुत सम्भव है कि अक्टूबर के बाद कांग्रेस आदि महागठबंधन को मिलेगी बेहतर ऊर्जा मिल सकती है।
पंडित हनुमान मिश्रा