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श्मशान से पवित्र मंदिर कोई नहीं!

Special Coverage News
9 July 2017 6:01 AM GMT
श्मशान से पवित्र मंदिर कोई नहीं!
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There is no holy temple from crematorium!
श्मशान वो स्थान है जहा पर मुर्दे जलाये जाते है लेकिन ये सिर्फ मुर्दे जलाने के काम नहीं आता. अभी लोगो को श्मशान के बारे में नहीं पता आज हम इसी बारे में बताते है. श्मशान से पवित्र मंदिर कोई नहीं है जहा पर आकर इंसान महामाया की माया से दूर हो जाता है. जहा पर स्वयं भगवान शिव संग महाकाली और भैरव जी विराजमान होते है तो सोचने वाली बात है वो स्थान कैसा होगा कितना शक्तिशाली होगा.

यही पर आकर इंसान पवित्र अपवित्रता से दूर हो जाता है ,सांसारिक नियम ,वस्तुए सब बेकार लगने लगती है क्योकि श्मशान इंसान को सत्य दिखाता है लेकिन इंसान श्मशान के नाम से ही भयभीत हो जाता है क्यों क्योकि जिनको श्मशान का रहस्य पता है. उन्होने लोगो में श्मशान के प्रति गलत धारण पैदा करदी ताकि वो संसार में ही बंधा रहे.

जब हम कभी किसी की मृत्यु हो जाती है तब उसे जलाने जाते है तो उस समय हमको संसार के प्रति मोह खत्म हो जाता है और जैसे ही वह से निकलते है फिर संसार में उलझ जाते है यही तो महामाया की माया है. श्मशान से जीवन का अंत नहीं है बल्कि स्मशान से तो जीवन की शरुआत होती है, इसलिए ये स्थान भगवान शिव को भी अत्यंत प्रिय है .

श्मशान में साधना क्यों की जाती है इसका की कारण है ,श्मशान में की गयी साधना में हमारा मन एकाग्र है भटकता नहीं है और हम माया से दूर रहते है जिससे साधनाये जल्दी सिद्ध हो जाती है इसलिए अघोरी श्मशान साधना करते है.
जय महाकाल
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