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जदयू नेता के एक ट्विट से मची महागठबंधन में खलबली!

जदयू नेता के एक ट्विट से मची महागठबंधन में खलबली!
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बिहार के सीएम नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द दिलचस्प राजनीतिक घटनाकम हो रहे हैं और माना जा रहा है कि सूबे की सियासत पर इनका दूरगामी असर हो सकता है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और कांग्रस से नीतीश की नाराजगी की खबरों के बीच मंगलवार को जेडीयू नेता अजय आलोक के एक ट्वीट ने सनसनी मचा दी। उधर बजट सत्र की समाप्ति के बाद नीतीश द्वारा दी गई दावत में शामिल होने को लेकर बीजेपी में भी विवाद की स्थिति देखने को मिल रही है।



ट्वीट से महागठबंधन में खलबली

जेडीयू नेता और पूर्व प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने अपनी ही सरकार की विफलता को सामने लाते हुए मंगलवार को ट्वीट किया, '182 प्रॉजेक्ट पर एक पैसा खर्च नहीं हुआ और 11 हजार करोड़ बिना उपयोग के लैप्स हो गया। इनमें अधिकांश विभाग कांग्रेस और आरजेडी के पास हैं, पर जिम्मेदारी हमारी है।' आरजेडी और कांग्रेस के साथ आ रही विवाद की खबरों के बीच आलोक के इस ट्वीट से महागठबंधन में खटपट और बढ़ने के संकेत दिखे। हालांकि जेडीयू के सीनियर नेता के सी त्यागी ने इस ट्वीट से पार्टी और सरकार को अलग करते हुए कहा कि अजय आलोक अब जेडीयू के प्रवक्ता नहीं है और उन्हें पार्टी ने इस पद से हटा दिया है। त्यागी ने महागठबंधन में किसी तरह के विवाद की बात से भी इनकार किया।





इससे पहले बिहार दिवस के मौके पर भी विवाद की खबरें आयी थीं, जब मुख्य कार्यक्रम में लालू यादव परिवार का कोई सदस्य नहीं गया था। हालांकि बाद में दोनों दलों के नेताओं ने इसे छोटी बात कह कर मामले को संभालने की कोशिश की, लेकिन हाल के दिनों में महागठबंधन में उठ रहे लगातार विवाद से साफ संदेश जा रहा है कि सबकुछ ठीक नहीं है। आरजेडी कार्यकारिणी की बैठक में सीनियर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने सार्वजनिक मंच से नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगली बार से पहले से महागठबंधन सीएम चेहरे की घोषणा नहीं करेगा और जिसके विधायक ज्यादा होंगे, उसी दल का सीएम बनेगा।


नीतीश से दोस्ती पर बीजेपी नेताओं में मतभेद

उधर एक दूसरे घटनाक्रम में नीतीश कुमार के घर हुई दावत में भाग लेने को लेकर बीजेपी नेताओं में ही विवाद हो गया। पुरानी परंपरा के अनुसार बजट सत्र की समाप्ति पर नीतीश कुमार दावत देते रहे हैं। इस बार भी नीतीश ने सोमवार की रात अपने घर पर दावत दी थी जिसमें सभी दलों के नेताओं को बुलाया गया। सूत्रों के अनुसार इसमें भाग लेने के मुद्दे पर बीजेपी में दो राय बनी। प्रेम कुमार की अगुवाई में कुछ नेताओं ने इस भोज से दूरी बनाए रखने की बात कही, तो सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में दूसरे नेता भोज को राजनीति से अलग रखने का तर्क देते हुए इसमें शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार बिहार बीजेपी के अंदर भी नीतीश से नजदीकी को लेकर विवाद हो रहा है। पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि नीतीश जानबूझ कर बीजेपी के नजदीक आने के संकेत देते हैं ताकि बिहार में बीजेपी कभी मजबूत न हो पाए।






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