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योगेंद्र यादव ने केजरीवाल को दो साल बाद लिखी चिट्ठी, याद दिलाईं पुरानी बातें

Arun Mishra
22 April 2017 12:23 PM GMT
योगेंद्र यादव ने केजरीवाल को दो साल बाद लिखी चिट्ठी, याद दिलाईं पुरानी बातें
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नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के लिए चुनाव प्रचार ख़त्म हो चुका है। कल यानी रविवार 23 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। वोट डाले जाने से ठीक एक दिन पहले स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने अपने पुराने साथी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दो साल बाद खत लिखा है। योगेंद्र यादव ने इस खत में केजरीवल को पुरानी बातें याद दिलाईं हैं। योगेंद्र यादव ने केजरीवाल पर ट्वीट कर लिखा है, '2 साल में अरविंद को मेरा पहला पत्र। अगर एमसीडी चुनाव में आपकी पार्टी हारती है तो 'रिकॉल' के सिद्धांत के अनुसार इस्‍तीफा दें और दोबारा जनमत लें।

योगेंद्र यादव का अरविंद केजरीवाल ने नाम पत्र
प्रिय अरविन्द,

दो साल पहले दिल्ली ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था, वो किसी एक नेता या पार्टी का करिश्मा नहीं था। उसके पीछे हज़ारों वोलन्टीयर का त्याग और उनकी तपस्या थी। लेकिन इस करिश्मे का सबसे बड़ा कारण था दिल्ली की जनता का आत्मबल। जनलोकपाल आंदोलन से दिल्ली के लाखों नागरिकों को यह भरोसा दिलाया की वो बेचारे नहीं हैं। वो नेताओं, पार्टियों और सरकारों से ज्यादा ताकतवर हैं। आज मैं उस आत्मबल को डगमगाते हुए देख रहा हूँ। इसलिए पिछले दो साल में पहली बार आपसे संवाद कर रहा हूँ और आपको रामलीला मैदान में किए रिकॉल के वादे की याद दिल रहा हूँ।

पिछले महीने में मुझे दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव के दौरान दिल्ली के कोने-कोने में जाने का मौका मिला। दिल्ली में चारों तरफ कूड़े के ढेर हैं, गन्दा पानी रुका हुआ है, बदबूदार और खतरनाक हवा है। हर कोई जानता है की इसकी पहली जिम्मेवारी पिछले दस साल से MCD पर राज कर रही बीजेपी की है। लेकिन फिर भी बीजेपी बेशर्मी से इस चुनाव में खड़ी है, वोट मांग रही है। ऐसे बहुत वोटर हैं जिन्होंने 2015 में ऐतिहासिक बदलाव के लिए वोट दिया था, लेकिन जो इस बार थक-हार के बीजेपी के पास वापिस जा रहे हैं। मैं पिछले महीने भर से सोच रहा हूँ कि इस निक्कमी और भ्रष्ट सरकार को चलने वाली बीजेपी को MCD चुनाव में खड़े होने का मौका देने के लिए कौन जिम्मेवार है।

बहुत सोचने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पंहुचा हूँ कि दिल्ली की इस दुर्घटना के लिए व्यक्तिगत रूप से आप जिम्मेवार हैं। आपने दिल्ली की जनता का विश्वास तोड़ा है। विश्वास सिर्फ एक नेता या पार्टी से नहीं टूटा है. जनता का खुद अपने आप से विश्वास टूटा है -- आप से धोखा खाने के बाद उन्हें लगता है कि उन्हें अच्छे-बुरे की पहचान नहीं है। इसलिए टूटे मन से बहुत लोग उन्ही पुरानी पार्टियों के पास जा रहे हैं जिन्हे उन्होंने दो साल पहले ख़ारिज कर दिया था। लोकतंत्र में जनता की आशा जगाकर उसे तोड़ना बहुत बड़ा पाप है। जनता के आत्मबल को कमजोर करना सबसे बड़ा अपराध हैं। मैं यह कहने को मजबूर हूँ कि अपने अहंकार, आत्म-मोह और कुर्सी के लालच में आपने यह अपराध किया है। ये सिर्फ मैं नहीं कहता, दिल्ली के हर मोहल्ले और गली में हर कोई ये कहता है। इस चुनाव प्रचार के दौरान आपने वोटर को जिस तरह लालच, डर और धमकी दीं है उसमे मुझे "विनाशकाले विपरीत बुद्धि" के लक्षण दिखाई देते हैं।

जाहिर है आप मुझसे सहमत नहीं होंगे. आपने बार-बार कहा है कि दिल्ली की जनता आपके साथ है। दिल्ली में कल होने वाले MCD के चुनाव को अपने अपनी व्यक्तिगत लोकप्रियता के रेफेरेंडम में बदल दिया है। आपकी पार्टी सिर्फ आपके नाम पर वोट मांग रही है। होर्डिंग में पार्टी का नाम तक नहीं है। आपकी पार्टी ने एक इंटरनल सर्वे भी जारी किया है कि आपकी पार्टी को MCD चुनाव में 218 सीटें लेकर जीत रही है।

कभी केजरीवाल के अंदोलन में उनका कंधे से कंधा मिलाकर साथ देने वाले योगेंद्र यादव ने केजरीवाल की 'आप' से अलग हो अपनी खुद की पार्टी 'स्‍वराज इंडिया पार्टी' बनाई है। दिल्‍ली में हो रहे एमसीडी चुनावों में योगेंद्र यादव की यह पार्टी पहली बार अपनी किस्‍मत आजमा रही है। वहीं अरविंद केजरीवाल को दिल्‍ली की जनता ने प्रचंड बहुमत देकर दिल्‍ली की कुर्सी दी है। ऐसे में दिल्‍ली के इन नगरपालिका चुनावों में आम आदमी पार्टी की यही साख दाव पर लगी हुई है।
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