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शायर इमरान बोले काली पट्टी बांधकर पढ़ें नमाज, समर्थन में हिन्दुओं ने लिखा चौकानें वाला सच!
शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने सभी मुस्लिम भाइयों से अपील की है कि असमय मौत के मुंह में समाने वाले हमारे समाज के भाई अख़लाक़ , पहलु , जुनैद समेत कई भाइयों के लिए हम इस बार की ईद पर काली पट्टी बांधकर नमाज अता करेंगे. उनकी इस अपील का सर देश ही नहीं विदेशों में भी हुआ और लोंगों ने काली पट्टी बांधकर विदेशों में नमाज अता की.
उनकी इस मुहीम में कई हिन्दुओं ने भी सकाराताम्क सहयोग दिया और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हो गये. इसमें सौरभ सेठ ने कहा कि इमरान प्रतापगढ़ी ने एक मुहिम छेड़ी है, ईद पर काली पट्टी बांह पर बांधकर विरोध जताने की.. विरोध मौजूदा दौर में धर्म के आधार पर भीड़ जुटाकर लोगों की हत्या के खिलाफ है.. बड़ा हल्ला है एफबी पर.. लोग आपस में अपील कर रहे हैं.. सियासत सूंघने वाले तमाम हमक़ौम शक़ की बिना पर इसे खारिज भी कर रहे हैं, उनका भी व्यापक समर्थन और विरोध हो रहा है.. जो भी हो, मसला खासा चर्चित है..
दिल से कहूं तो मुझे ताज्जुब हो रहा है. इसलिये नहीं कि मुसलमान अपने सबसे मुबारक त्योहार पर मुखालफ़त का झंडा बुलंद कर रहे हैं, बल्कि इसलिये कि पहली बार ये ढंग से विरोध करते दिखेंगे. आज़ाद मैदान, मालदा समेत ऐसे कई मिसाल हैं जहां इनका विरोध प्रदर्शन जाहिलियत के मुजाहिरे का मौका बन गया था. अबकी कम से कम तरीका सही सोचा है और माहौल के मुताबिक उन्हें हक़ भी है कि अपनी बात रखें.
एक और बात, काली पट्टी बांधने वालों, मेरी तहेदिल से गुज़ारिश है कि जब कोई इसका सबब पूछे तो अखलाक़, पहलू और बल्लभगढ़ पर ही मत रुक जाना, अयूब पंडित का नाम भी ज़रूर कह देना. डीएसपी मारा है वहां भीड़ ने. इसके पहले जो लेफ्टिनेंट उमर फय्याज़ के साथ हुआ वो भी याद ही होगा आपको. ज़रूर और ज़ोर देकर कहना कि हम इसके भी पुरजोर खिलाफ हैं.. ऐसा नहीं कि जहां मुस्लिम भीड़ किसी मासूम मुस्लिम को मारे तो घर का मसला समझ बैठो. सीधे कहूं तो क़ातिलों के कंधे पर भगवा गमछे मत तलाशने लगना. मुखालफ़त तभी मुकम्मल होगी जब आपकी नीयत खरी हो.. ऐसे नहीं कि सेलेक्टिव हो जाओ. समझो, सेलेक्टिव हो गये तो हो चुका विरोध.. तब आप लोग भी सिवा भीड़ के कुछ और नहीं लगोगे. ध्यान रहे, ऐसा किया तो उन तमाम लोगों की संवेदना और सहानुभूति से भी हाथ धोना पड़ेगा जिनके लिये हर इंसान मायने रखता है, सिर्फ हिंदू या मुसलमान नहीं.
सुभाष सिंह ने कहा
साथी पुनीत का मेसेज पढ़कर दिल भर आया
इस तरह की प्रतिक्रिया आने से इमरान के हौसलें भी बढ़े है. उनेक साथ लोग एक आवाज पर चल पढ़े.