- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
बाल ठाकरे की वसीयत पर विवाद, बंद कमरे में गवाही के आदेश
Special Coverage News
21 July 2016 6:08 AM GMT
x
मुंबई: बुधवार को बाल ठाकरे की वसीयत को लेकर छिड़ी जंग उस समय और बढ़ गई, जब उनके बेटे जयदेव ठाकरे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में दावा किया कि उनकी पूर्व पत्नी स्मिता का बेटा ऐश्वर्य ठाकरे उनकी संतान नहीं है।
बता दें कि शिवसेना के फाउंडर लीडर बाल ठाकरे ने वसीयत में प्रॉपर्टी का कुछ हिस्सा ऐश्वर्य को भी दिया है। लेकिन जयदेव को कुछ नहीं दिया है। ठाकरे की वसीयत पर सवाल उठाते हुए जयदेव ने बॉम्बे हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की है। इस पर बुधवार से सुनवाई शुरू हुई। जयदेव ऐश्वर्य के मामले पर कुछ खुलासा करना चाहते थे, पर जज ने उन्हें रोक दिया।
उनके फ्लैट और ठाकरे के आवास 'मातोश्री' के बीच उनके आने जाने से जुड़े सवाल पर जयदेव ने कहा कि वर्ष 2004 के बाद वह जब भी जाते थे, तो मातोश्री की दूसरी मंजिल पर रुकते थे, क्योंकि पहली मंजिल पर 'कोई अज्ञात व्यक्ति' रहता था।
जयदेव ने कोर्ट में यह भी कहा कि बाल ठाकरे के निधन से एक महीने पहले मैं उनके कमरे में रुका था। इस दौरान उनकी तबीयत काफी खराब थी। उन्होंने दावा किया कि जब बाला साहब ने वसीयत बनाई तो उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। ठाकरे मुझे अपना राजनीतिक वारिस बनाना चाहते थे, लेकिन मेरी राजनीति में आने की इच्छा नहीं थी।
बताया जाता है कि जयदेव ने तीन शादियां की हैं। माना जाता है कि जयदेव का स्मिता को छोड़कर तीसरी शादी करना बाल ठाकरे को पसंद नहीं आया। इस वजह से उनमें और जयदेव में दूरियां बन गईं।
Next Story