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Archived
इशरत जहां एनकाउंटर के आरोपी पीपी पांडे को गुजरात सरकार ने बनाया मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष
Kamlesh Kapar
12 Jun 2017 1:40 PM GMT
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Gujarat government created PP Pandey as a president of Human Rights Commission
गुजरात: एक विवादास्पद कदम के तहत सूबे के पूर्व डीजीपी पीपी पांडे को गुजरात मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है। पीपी पांडे जब सूबे के डीजीपी थे तब उनपर फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगे थे। पांडे को आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने पर गुजरात सरकार के इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि मुंबई की रहने वाली इशरत जहां (19) का 13 साल पहले 15 जून, 2004 को एनकाउंटर हुआ था। हालांकि जांच में पाया गया कि एनकाउंटर फर्जी था। बाद में पीपी पांडे को जेल की हवा तक खानी पड़ी थी। दूसरी तरफ जमानत पर छूटने के बाद पांडे को दोबारा सेवा में लिया गया।
जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं जब गुजरात सरकार पांडे पर मेहरबान हुई हो। इससे पहले पीपी पांडे जब आईपीएस थे तब उन्हें राज्य सरकार ने विस्तार दिया था। राज्य सरकार के इस फैसले को सुपर कॉप जूलियो रिबेरो ने अदालत में चुनौती दी थी। अपनी याचिका में रिबेरो ने तर्क दिया कि चार लोगों की हत्या के आरोपी को राज्य पुलिस का प्रमुख नहीं बनाया जा सकता। जिसके बाद पीपी पांडे ने इस साल अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
मामले की सुनवाई के दौरान पद छोड़ने के पांडे के प्रस्ताव को मानते हुए कोर्ट ने उन्हें पदमुक्त करने का आदेश दिया। इसी के साथ कोर्ट ने रिबेरो की याचिका का निपटारा कर दिया। पीपी पांडे के इस्तीफे के साथ ही गुजरात सरकार ने बयान देते हुए कहा कि उन्हें पद से तुरंत मुक्त किया जाता है। इससे पहले पांडे को प्रदेश भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का निदेशक बनाया गया। उसके बाद उन्हें तीन महीने का एक्सटेंशन देते हुए पिछले साल अप्रैल में प्रभारी पुलिस महानिदेशक बनाया गया। हालांकि पांडे इस पद पर ज्यादा दिन नहीं रह सके लेकिन अब गुजरात सरकार ने उन्हें मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष बना दिया है।
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