- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
शंकर सिंह वाघेला ने कांग्रेस के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- सोनिया के प्रति वफादारी अब खत्म
Kamlesh Kapar
25 Jun 2017 5:07 AM GMT
x
गुजरात के पूर्व CM और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला है।
गांधीनगर: गुजरात के पूर्व CM और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला है। गांधीनगर में 3000 से ज्यादा समर्थकों की एक सभा को संबोधित करते हुए वाघेला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रति उनकी वफादारी अब पूरी हो गई है। वाघेला ने कहा कि जो चुनाव लड़ना तक नहीं जानते हैं वह कांग्रेस में बॉस बने बैठे हैं।
वाघेला ने कहा, '2002 में मैंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से वादा किया था कि मैं पार्टी के लिए हमेशा वफादार रहूंगा, लेकिन अब वह वादा खत्म हो चुका है। जिसकी जानकारी मैं सोनिया गांधी को कुछ दिन पहले दे चुका हूं।' वही वाघेला ने कहा कि वह अपने समर्थकों से सलाह लेकर पार्टी में रहने को लेकर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सभी मौजूदा विधायकों को दोबारा उतारने का फैसला, वरिष्ठ लोगों से पूछे बिना कर लिया है। वाघेला ने कहा कि चुनाव आने वाले हैं और अभी भी पार्टी में कई पद खाली पड़े हैं।
बता दें कि 1995 में केशुभाई पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद वाघेला ने इस फैसले पर ऐतराज जताया था। वाघेला तब BJP में थे। कुछ वरिष्ठ नेताओं में वाघेला को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन इस प्रस्ताव को न तो वाघेला ने स्वीकार किया और न ही केशुभाई पटेल ने। सितंबर 1995 में 47 विधायकों के साथ उन्होंने बीजेपी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी। अक्टूबर 1996 में वाघेला ने राष्ट्रीय जनता पार्टी (RJP) बनाई और कांग्रेस के समर्थन से गुजरात के मुख्यमंत्री बन गए।1998 में आरजेपी का कांग्रेस में विलय हो गया।
Next Story