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बड़ा खुलासा: गुरमीत राम रहीम ने भागने के लिए बनाया था गुप्त प्लान, ऐसे हुआ फेल
रोहतक : डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को साध्वी रेप केस मामले में सोमवार को 20 साल जेल की सजा सुनाई गई। और 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। राम रहीम को रेप के दोनों मामलों में 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई। उसे दोनों ही सजा बारी-बारी से भुगतनी होंगी।
सजा कम कराने के लिए राम रहीम ने बीमारी का भी बहाना बनाया लेकिन वह काम न आया। मेडिकल टीम ने जांच में उसे फिट पाया। वहीं इस मामले में हरियाणा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि रेप के जुर्म में 20 साल जेल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम सिंह को पुलिस पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत से रोहतक की जेल तक तभी ले जा सकी जब डेरा प्रमुख के सुरक्षाकर्मियों की ओर से उसे भगाने की कथित कोशिश नाकाम कर दी गई।
राम रहीम पूरी प्लानिंग के साथ पंचकुला की कोर्ट में पहुंचा था। उसने सजा सुनाए जाने के बाद अपने सुरक्षाकर्मियों की मदद से भागने का प्लान बनाया था। उसने वहां मौजूद हजारों समर्थकों की भीड़ का फायदा उठा कर गायब होने की योजना बनाई थी। इसी साजिश की वजह से पंचकूला और सिरसा में 38 लोगों की मौत हुई। लेकिन पुलिस उपायुक्त (अपराध) सुमित कुमार की अगुवाई में एक चौकस टीम ने गुरमीत के सुरक्षाकर्मियों की ओर से उसे भगाने की कोशिश नाकाम कर दी।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के के राव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जैसे ही गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया गया, वैसे ही उसने सिरसा से लाया गया एक 'लाल बैग' मांगा। डेरा प्रमुख ने बैग यह कहते हुए मांगा कि उसमें उसके कपड़े रखे हुए हैं। लेकिन यह एक इशारा था कि वे उसके समर्थकों में उसे दोषी ठहराए जाने की खबर फैला दें ताकि वे उपद्रव पैदा कर सकें। जब गाड़ी से बैग बाहर निकाला गया तो करीब दो-किलोमीटर दूर से आंसू गैस के गोले दागे जाने की आवाजें सुनाई देने लगीं।
उन्होंने दावा किया कि तभी हमें बात समझ आ गई कि इस इशारे के पीछे कोई मतलब है। उसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का संदेह उस वक्त और गहरा गया जब राम रहीम और उसकी गोद ली गई बेटी पंचकूला अदालत परिसर के गलियारे में काफी लंबे समय तक खड़े रहे, जबकि उन्हें वहां खड़ा नहीं होना था। पुलिस अफसरों की मुस्तैदी से गुरमीत सिंह राम रहीम का प्लान कामयाब नहीं हो पाया।