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पत्रकार गौरी की हत्या मीडिया के लिए काला दिन

पत्रकार गौरी की हत्या मीडिया के लिए काला दिन
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Black day for journalist Gauri murdering media
वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की बंगलुरू में गोली मारकर हत्या कर दी गई. बताया जा रहा है कि चार अज्ञात हमलावरों ने राज राजेश्वरी इलाके में स्थित गौरी के घर के बाहर उन पर काफी करीब से फायरिंग की, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
बंगलुरू के पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गौरी लंकेश का शव खून से सना हुआ मिला. उन्होंने बताया कि घटनास्थल से कारतूस के चार खोके मिले. उन्होंने बताया कि हमलावरों की संख्या का अभी पता नहीं लग पाया है. पुलिस कमिश्नर ने जानकारी दी कि घर के सामने लोगों ने फायर की आवाज सुनी.
गौरी लंकेश साप्ताहिक मैग्जीन 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं. इसके साथ ही वो अखबारों में कॉलम भी लिखती थीं. टीवी न्यूज चैनल डिबेट्स में भी वो एक्टिविस्ट के तौर पर शामिल होती थीं. लंकेश के दक्षिणपंथी संगठनों से वैचारिक मतभेद थे.
सीबीआई जांच की मांग
वहीं इस हमले के बाद गौरी लंकेश के भाई ने गंभीर सवाल उठाए हैं. लंकेश के भाई इंद्रजीत ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि इस केस की जांच सीबीआई को हैंडओवर की जानी चाहिए.
गौरी लंकेश के आखिरी ट्वीट्स
अपनी हत्या के कुछ घंटे पहले तक गौरी ट्विटर और फेसबुक पर एक्टिव थीं. गौरी ने रोहिंग्या मुसलमानों से जुड़ी खबरों के लिंक शेयर किए और कई ट्वीट्स को री-ट्वीट किया. गौरी लंकेश ने अपने आखिरी ट्वीट में फेक पोस्ट की चर्चा की थी. गौरी ने लिखा था, 'हम लोगों में से कुछ लोग फेक पोस्ट शेयर करने की गलती कर देते हैं. चलिए एक्सपोज करने की कोशिश के बजाए इसके प्रति एक-दूसरे को सतर्क किया जाए. शांति बनाए रखिए साथियों.'

इस घटना पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दुख जताया. सिद्धारमैया ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने इस संबंध में डीजीपी से बात की है. सिद्धारमैया ने घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गौरी लंकेश की हत्या पर दुख जताया. साथ ही उन्होंने लिखा कि सच को कभी खामोश नहीं किया जा सकता है.
राहुल ने लिखा, 'सच को भी खामोश नहीं किया जा सकता. गौरी लंकेश हमारे दिलों में रहती हैं. उनके परिवार को मेरी संवेदना और प्यार. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.''

स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने इस घटना को पनसारे और कलबुर्गी से जोड़कर देखा. वहीं गीतकार जावेद अख्तर ने भी नाराजगी जताई.
रवीश कुमार ने लिखा
बंगलुरू में पत्रकार गौरी लंकेश की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई है।' गौरी लंकेश पत्रिके' में सत्ता विरोधी ख़बरें होती थीं और धार्मिक संकीर्णता के खिलाफ ख़ूब लिखा है। हिन्दुत्व की संकीर्णता पर सामने से सवाल किया। कलबुर्गी की हत्या को लेकर उनकी पत्रिका काफी मुखर रही। सरकारों के खिलाफ लिखने वाली एक साहसिक महिला पत्रकार को ख़त्म किया गया है। गौरी की माँ साहसिक पत्रकार रही हैं और उनकी बहन क़ाबिल फ़िल्मकार। कर्नाटक में खेल हो गया है आवाज़ दबाने के लिए किसी को मार देना।

अगर ऐसी ताक़तें वहाँ धर्म की आड़ में पनप रही हैं तो समाज से पूछना चाहिए कि आपने उनके कबाड़ सोच में ऐसा कौन सा सपना देख लिया है कि कलबुर्गी से लेकर गौरी लंकेश की हत्या जायज़ लगने लगी है। शर्मनाक दौर में है हमारा समाज और घटिया होती जा रही हैं सरकारें । आप कब तक चुप रहेंगे ? इस चुप्पी से आपको झूठ के अलावा क्या मिल रहा है? आप देखिये शोक समाचार पर भी कमेंट बाक्स में कैसे कुछ लोग जश्न मना रहे हैं । ये लोग अपनी सोच से आपके बच्चों को भी हत्यारा बना देंगे। ये ज़हर है ज़हर । ये उनकी आख़िरी ट्वीट का स्क्रीन शाट है।
शिव कुमार मिश्र

शिव कुमार मिश्र

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