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एक तरफ किसानों को मार डाला, अब उपवास क्यों? क्या किसी को बोलने का

एक तरफ किसानों को मार डाला, अब उपवास क्यों? क्या किसी को बोलने का
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मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों की हत्या के बाद उपजे हालातों पर पूरा देश चिंतित है. इस मामले पर पहले तो शिवराज सरकार अपने को बचाती नजर आई. बात जब ज्यादा बिगड़ी तो पांच लाख और फिर दस लाख और फिर भी बात नहीं बनी तो एक करोड़ मुआवजा का एलान हुआ. अब शिवराज किसी को बोलने भी नहीं दे रहे है खुद ही धरने पर बैठ गये है ये एक नया और अनूठा प्रयोग है.

इस घटना पर स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने शिवराज पर निशाना साधते हुए लिखा कि स्थानीय प्रशासन प्रेस-वार्ता करने की भी नहीं दे रहा अनुमति. ये सब लोकतंत्र की हत्या और आपातकाल जैसा हो रहा है.

तो देश के प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि 'एक तरफ किसानों को मार रहे हैं, दूसरी तरफ उपवास कर रहे हैं, और किसी को इस पर बोलने की अनुमति भी नहीं दे रहे शिवराज' आखिर ऐसा क्यों कर रहे है.

कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की 'किसान विरोधी नीतियों' के विरोध में 14 जून से 72 घंटे के सत्याग्रह पर बैठेंगे. जिससे किसानों को न्याय मिल सके. इस दमनकारी नीति से छुटकारा मिल जाय.

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