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काश ये अंधी बहरी सरकारें इनको देख लें, न तुम्हारी बेटी बचेगी और न ही पढ़ेगी!
देश में जब मेक इन इंडिया का और डिजिटिल इंडिया का शोर मचा हो साथ ही सभी काम एक किलिक में होते हों उस समय इस देश की इस तस्वीर को देखकर लगता है कि हम झूंठ और फरेब की जिन्दगी जी रहे है। काश ये बेटियां इस देश में जन्म लेकर पछता रही होंगी। जब देश में मुहीम चल रही हो बेटी बचाओ बेटी पढाओ और तब हमारी बेटी हल खींच रही हो तो लानत है एसी योजना पर ओर एसी सरकार पर।
मध्यप्रदेश का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। वहां एक किसान की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वह अपनी बेटियों का इस्तेमाल करके खेत जोत रहा है। इस मामले पर प्रशासन की अब नजर पड़ी है। वहां के डीपीआरओ आशीष शर्मा ने कहा कि उन्होंने किसान से बात की है और कहा है कि वह ऐसा ना करें। आशीष ने बताया कि किसान को हरसंभव मदद देने की बात भी कही गई थी।
मामले की और जानकारी फिलहाल नहीं आई है। यह किसान सिरोह में रहता है। किसान का नाम सरदार बरेला है। उसने बताया कि उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह बैल खरीद सके। इसपर उसने मक्का की फसल के लिए बेटियों से खेत जुतवाया।
मध्यप्रदेश में पिछले दिनों किसान आंदोलन के वक्त काफी हंगामा हुआ था। प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कुछ किसानों की जान भी चली गई थी। किसानों का आरोप था कि जिन लोगों की जान गई उनको पुलिस प्रशासन ने सरकार के कहने पर पीटा था। इसके चलते राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की हर तरफ तीखा आलोचना हुई। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने अनशन भी किया था। फिर उन्होंने यह कहकर अनशन तोड़ा कि जिन किसानों की मौत हुई उनके परिवार वालों ने उनसे अनशन खत्म करने की गुजारिश की है।
इन बेटियों की अंतर आत्मा की आवाज न सुनने वाले देश और प्रदेश के राजाओ तुम्हारी भी कोई नहीं सुनेगा जब तुम पर विपत्तियाँ आएँगी और तुम अपने बचने को चिल्ला चिल्ला कर भीख मांगोगे। अब इस तस्वीर को देखकर रोना ही आ सकता है काश इन बेटियों की आवाज कोई सुनता मसीहा बनता और इनकी मदद करता।