- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
शिवसेना ने ये क्या कह दिया योगी सरकार से, बीजेपी के उड़े होश
शिव कुमार मिश्र
5 Sep 2017 9:17 AM GMT
x
खुद ‘ऑक्सीजन पर’ जीने वाले मरीजों के लिए कहां से लाएंगे
शिवसेना ने उत्तर प्रदेश के दो अस्पतालों में हुई कई बच्चों की मौत को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा 'देवदूत' की बजाय 'यमदूत' है।
पार्टी ने यह भी आरोप लगाए कि अगर सरकारी तंत्र खुद ''आॅक्सीजन पर'' जी रहा हो तो वह मरीजों को कैसे आॅक्सीजन मुहैया कराएगा। अधिकारियों ने कल कहा कि उत्तर प्रदेश के फरूर्खाबाद जिले में एक महीने में कम से कम 49 शिशुओं की मौत हो गयी जिनमें से अधिकतर की मौत ''पेरीनैटल एस्फिजिया'' के कारण हुई। पेरीनैटल एस्फिजिया एक स्वास्थ्य दशा है जिसमें नवजात शिशुओं को सांस लेने में दिक्कत होती है।
गोरखपुर में पिछले महीने एक सरकारी अस्पताल में दो दिन में 30 बच्चों की मौत हुई थी और उसी त्रासदी के दोहराव का संकेत करते हुए फरूर्खाबाद में कई अभिभावकों ने अधिकारियों से कहा कि शिशुओं को आॅक्सीजन एवं दवाएं मुहैया कराने में देरी हुई। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा, ''स्वास्थ्य सेवा को देवदूत होना चाहिए लेकिन उत्तर प्रदेश में वह यमदूत साबित हुई।
पार्टी ने कहा, ''करीब छह साल पहले जब पश्चिम बंगाल में एक पखवाड़े के भीतर 50 बच्चों की मौत हुई थी तब ममता बनर्जी सरकार की कड़ी आलोचना करने वाले अब उत्तर प्रदेश में सत्ता में हैं।'' शिवसेना ने कहा कि दो अस्पतालों में कथित रूप से आॅक्सीजन की आपूर्ति के कारण बच्चों के मारे जाने से उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर प्रश्नचिह्न खड़े होते हैं।
शिवसेना ने यूपी सरकार पर लगाए ये आरोप काफी हद तक ठीक नजर आते है, क्योंकि पिछली सरकार के दौरान जिन चींजों का विरोध करके सत्ता मिली उन्हीं बातों को बीजेपी भूलती नजर आ रही है। शिवसेना लगातार मोदी सरकार पर भी हमलावर रुख अख्तियार किये हुये है।
शिव कुमार मिश्र
Next Story